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सबरीमाला सोना चोरी मामला: पूर्व देवस्वोम बोर्ड सदस्य और वरिष्ठ माकपा नेता गिरफ्तार

तिरुवनंतपुरम, 29 दिसंबर (आईएएनएस)। सबरीमाला सोना चोरी मामले में केरल क्राइम ब्रांच की विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने पूर्व त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड सदस्य और वरिष्ठ माकपा (सीपीआई-एम) कार्यकर्ता एन. विजयकुमार को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया। विजयकुमार पार्टी समर्थित राज्य स्तरीय सरकारी कर्मचारी संगठन के पूर्व शीर्ष पदाधिकारी भी रह चुके हैं।
सबरीमाला सोना चोरी मामला: पूर्व देवस्वोम बोर्ड सदस्य और वरिष्ठ माकपा नेता गिरफ्तार

तिरुवनंतपुरम, 29 दिसंबर (आईएएनएस)। सबरीमाला सोना चोरी मामले में केरल क्राइम ब्रांच की विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने पूर्व त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड सदस्य और वरिष्ठ माकपा (सीपीआई-एम) कार्यकर्ता एन. विजयकुमार को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया। विजयकुमार पार्टी समर्थित राज्य स्तरीय सरकारी कर्मचारी संगठन के पूर्व शीर्ष पदाधिकारी भी रह चुके हैं।

विजयकुमार को तिरुवनंतपुरम स्थित क्राइम ब्रांच कार्यालय में विस्तृत पूछताछ के बाद हिरासत में लिया गया, जिसके बाद उनकी औपचारिक गिरफ्तारी दर्ज की गई। वह उस समय देवस्वोम बोर्ड के सदस्य थे, जब बोर्ड के अध्यक्ष ए. पद्मकुमार थे। उनकी गिरफ्तारी को इस मामले की जांच में एक अहम मोड़ माना जा रहा है, क्योंकि अब जांच का दायरा बोर्ड के सामूहिक कार्यप्रणाली तक फैलता दिख रहा है।

सोमवार को विजयकुमार एसआईटी के समक्ष पेश हुए थे। उन्होंने दावा किया कि उन पर असहनीय दबाव बनाया जा रहा है और उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया है। हालांकि, जांचकर्ताओं का कहना है कि उनके पास ऐसे सबूत हैं, जिनसे संकेत मिलता है कि विजयकुमार को सोने की प्लेटें मुख्य आरोपी उन्नीकृष्णन पोट्टी को सौंपे जाने की जानकारी थी।

इससे पहले विजयकुमार ने अपनी अग्रिम जमानत याचिका वापस ले ली थी। यह कदम केरल हाईकोर्ट की कड़ी टिप्पणियों के बाद उठाया गया, जिसमें अदालत ने कहा था कि कथित मंदिर संपत्ति के दुरुपयोग के लिए देवस्वोम बोर्ड के सभी सदस्य समान रूप से जिम्मेदार हैं।

हाईकोर्ट ने एसआईटी की भी कड़ी आलोचना करते हुए इसे “गंभीर चूक” बताया था कि पद्मकुमार की गिरफ्तारी के बावजूद पूर्व बोर्ड सदस्य के.पी. शंकरदास और विजयकुमार को जांच के दायरे में नहीं लाया गया। अदालत की फटकार और गिरफ्तारी की आशंका के बाद शंकरदास और विजयकुमार ने कोल्लम विजिलेंस कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन किया था।

पूर्व अध्यक्ष पद्मकुमार ने जांच के दौरान लगातार ‘सामूहिक जिम्मेदारी’ के सिद्धांत पर जोर दिया है। उनका कहना है कि सबरीमाला से जुड़े फैसले एकतरफा नहीं, बल्कि बोर्ड और उसकी प्रशासनिक समिति के साथ विचार-विमर्श के बाद लिए गए थे। उन्होंने यह भी बताया कि कई निर्णय सरकार के निर्देशों के अनुरूप थे।

एसआईटी द्वारा विजयकुमार की गिरफ्तारी को अब पद्मकुमार के इस दावे को बल मिलने के रूप में देखा जा रहा है कि कथित चूक की जिम्मेदारी पूरे बोर्ड की थी।

एसआईटी ने पहले विजयकुमार को नोटिस जारी किया था, लेकिन वह पूछताछ के लिए पेश नहीं हुए। बाद में उन्हें सीधे हिरासत में लिया गया। उनके वकील के अनुसार, विजयकुमार खुद को निर्दोष साबित करना चाहते हैं, इसलिए उन्होंने सोमवार को एसआईटी के सामने पेश होने का फैसला किया।

इस बीच, मामले में एक नया पहलू तब जुड़ा जब एक अनिवासी कारोबारी ने जांचकर्ताओं को बताया कि सबरीमाला मंदिर की कलाकृतियों से जुड़ा एक लेन-देन आरोपी उन्नीकृष्णन पोट्टी और डी. मणि के बीच हुआ था। कारोबारी को आशंका है कि ये कलाकृतियां विदेश तस्करी के जरिए भेजी गई होंगी।

कारोबारी ने बताया कि शुरुआत में उनसे तिरुवनंतपुरम में इस सौदे के लिए संपर्क किया गया था, लेकिन उन्होंने इससे इनकार कर दिया।

एसआईटी अब डी. मणि से पूछताछ की तैयारी कर रही है, ताकि सबरीमाला से कथित तौर पर बाहर ले जाए गए पंचधातु की मूर्तियों समेत लापता कलाकृतियों की कड़ी को जोड़ा जा सके।

जांच अधिकारियों के मुताबिक, आने वाले दिन कथित साजिश की पूरी परतें खोलने और संस्थागत स्तर पर जिम्मेदारी तय करने के लिहाज से अहम होंगे। विजयकुमार की गिरफ्तारी के साथ इस मामले में गिरफ्तार लोगों की संख्या बढ़कर 10 हो गई है और आगे और गिरफ्तारियां होने की संभावना है।

--आईएएनएस

डीएससी

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