टाटानगर-एर्नाकुलम एक्सप्रेस में कैसे लगी आग? एक यात्री की गई जान
विशाखापत्तनम, 29 दिसंबर (आईएएनएस)। रेलवे अधिकारियों की शुरुआती जांच के मुताबिक, टाटानगर-एर्नाकुलम एक्सप्रेस में आग लिनन स्टोरेज से शुरू हुई थी।
सोमवार तड़के अनाकापल्ली जिले के येलामंचिली में ट्रेन के दो कोच में आग लगने से एक यात्री की मौत हो गई।
शुरुआती जांच से पता चला है कि आग कोच के इलेक्ट्रिकल पैनल वाली तरफ नहीं लगी थी (जो आमतौर पर होता है)। साउथ सेंट्रल रेलवे ने बताया कि यह आग लिनन स्टोरेज वाली तरफ लगी थी।
कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी, साउथ सेंट्रल सर्कल, आग लगने की घटना की विस्तृत जांच करेंगे।
एक्सप्रेस ट्रेन के एक कोच में आग लगी, जो दूसरे कोच में फैल गई।
कोचों को तुरंत अलग करके गैप बनाया गया और शंटिंग लोको लगाकर उन्हें दूर खींचा गया।
सभी यात्री नीचे उतर गए, लेकिन 70 साल के एक यात्री चंद्रशेखर सुंदर नीचे नहीं उतर पाए और आग लगने से उनकी मौत हो गई।
एससीआर ने कहा कि परिवार को मुआवजा दिया जाएगा।
ट्रेन नंबर 18189 टाटानगर-एर्नाकुलम एक्सप्रेस, में येलामंचिली रेलवे स्टेशन पहुंचते समय लगभग 00:45 बजे आग लगने की घटना की सूचना मिली।
इसमें बताया गया कि बी1 और एम2 कोच में आग लगी। रेलवे स्टाफ ने तेजी से कार्रवाई की और तुरंत फायर ब्रिगेड को सूचना दी। रेलवे अधिकारियों ने भी तुरंत कार्रवाई की और यात्रियों को ट्रेन से नीचे उतारने में मदद की। फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंची और आग बुझाई।
जब ट्रेन में आग लगी, तब बी-1 कोच में 82 और एम-2 कोच में 75 यात्री थे।
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि प्रभावित कोचों को अलग कर दिया गया, और एहतियात के तौर पर एक और एसी 3 टियर कोच (एम1) को भी अलग कर दिया गया।
बची हुई ट्रेन को समलकोट रेलवे स्टेशन ले जाया गया। प्रभावित ट्रेन तीन अतिरिक्त कोचों के साथ 10.45 बजे अपने गंतव्य के लिए रवाना हुई।
येलामंचिली से सभी फंसे हुए यात्रियों को सड़क मार्ग से समलकोट रेलवे स्टेशन ले जाया गया और उन्हें ट्रेन के अतिरिक्त कोचों में बिठाया गया।
इस बीच, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने येलामंचिली पुलिस और फायर डिपार्टमेंट की त्वरित और समन्वित कार्रवाई की सराहना की, जिससे टाटानगर-एर्नाकुलम एक्सप्रेस के कोचों में आग लगने और ट्रेन रुकने के बाद 150 से अधिक यात्रियों को सुरक्षित निकाला जा सका।
उन्होंने लिखा कि मैं आरपीएफ और रेलवे स्टाफ की तुरंत कार्रवाई की भी तारीफ करता हूं, जिन्होंने तुरंत आगे और पीछे के डिब्बों को अलग कर दिया, जिससे और ज्यादा नुकसान होने से बच गया। उनकी प्रोफेशनलिज्म, समय पर मदद, और प्रभावी भीड़ प्रबंधन ने यह सुनिश्चित किया कि स्थिति को सुरक्षित और आसानी से संभाला जाए। दुर्भाग्य से, इस घटना में एक जान चली गई है। मैं शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं।
--आईएएनएस
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