नॉर्थईस्ट फ्रंटियर रेलवे ने यंत्रीकृत ट्रैक नवीनीकरण में बनाया नया रिकॉर्ड
गुवाहाटी, 26 दिसंबर (आईएएनएस)। नॉर्थईस्ट फ्रंटियर रेलवे (एनएफआर) के अलीपुरद्वार डिवीजन ने यंत्रीकृत ट्रैक नवीनीकरण के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए नया रिकॉर्ड बनाया है। प्लासर की क्विक रिलेइंग सिस्टम (पीक्यूआरएस) तकनीक का उपयोग करते हुए डिवीजन ने एक ही दिन में 1,033 ट्रैक मीटर नवीनीकरण कर अब तक का सर्वश्रेष्ठ एकदिवसीय आउटपुट दर्ज किया।
एनएफआर के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) कपिंजल किशोर शर्मा ने बताया कि 23 दिसंबर को हासिल की गई यह उपलब्धि उच्च क्षमता वाली यंत्रीकृत ट्रैक बिछाने की तकनीक के प्रभावी उपयोग, यातायात ब्लॉकों के बेहतर प्रबंधन और इंजीनियरिंग व परिचालन विभागों के बीच उत्कृष्ट समन्वय को दर्शाती है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान ट्रैक नवीनीकरण कार्यक्रम के तहत नॉर्थईस्ट फ्रंटियर रेलवे ने अपने पूरे क्षेत्राधिकार में कुल 290.8 किलोमीटर ट्रैक का नवीनीकरण किया है।
डिवीजनवार प्रगति के अनुसार, कटिहार डिवीजन में 51.33 किमी, पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार डिवीजन में 29.77 किमी, रंगिया डिवीजन में 75.19 किमी, लुमडिंग डिवीजन में 44.98 किमी और तिनसुकिया डिवीजन में 69.96 किमी ट्रैक का नवीनीकरण किया गया है। यह रेलवे ज़ोन में बुनियादी ढांचे के उन्नयन की एक सुनियोजित और व्यवस्थित पहल को दर्शाता है।
पीक्यूआरएस (प्लासर क्विक रिलेइंग सिस्टम) में स्व-चालित क्रेनों का उपयोग होता है, जो आकार में कॉम्पैक्ट होती हैं और रखरखाव लागत को काफी कम करती हैं। यह प्रणाली नए ट्रैक निर्माण के साथ-साथ मौजूदा ट्रैक के आधुनिकीकरण में भी व्यापक रूप से इस्तेमाल की जाती है।
सीपीआरओ ने बताया कि पीक्यूआरएस के माध्यम से रेल पैनलों को बहुत कम समय में बदला जा सकता है, जिससे कम यातायात ब्लॉकों में अधिक लंबाई का ट्रैक बदला जाना संभव हो पाता है। इसके अलावा, यह प्रणाली पुराने रेल पैनलों को सीधे कार्यस्थल से बेस तक वापस लाने की सुविधा देती है, जिससे अतिरिक्त माल ढुलाई व्यवस्था की आवश्यकता नहीं पड़ती।
उन्होंने कहा कि उच्च आउटपुट वाले ट्रैक नवीनीकरण कार्यों का सफल निष्पादन नॉर्थईस्ट फ्रंटियर रेलवे के आधुनिक रखरखाव तरीकों, परिसंपत्ति की विश्वसनीयता और कार्यकुशलता पर निरंतर फोकस को रेखांकित करता है।
उल्लेखनीय है कि गुवाहाटी के मालीगांव में मुख्यालय वाला नॉर्थईस्ट फ्रंटियर रेलवे पूर्वोत्तर राज्यों के साथ-साथ पश्चिम बंगाल के सात जिलों और उत्तर बिहार के पांच जिलों में अपनी सेवाएं प्रदान करता है।
--आईएएनएस

