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US टैरिफ को लेकर भारत की रणनीति पर आज होगी हाई लेवल मीटिंग, पीएम मोदी ले सकते हैं निर्णायक कदम

US टैरिफ को लेकर भारत की रणनीति पर आज होगी हाई लेवल मीटिंग, पीएम मोदी ले सकते हैं निर्णायक कदम

अमेरिका ने भारत समेत दर्जनों देशों पर आधिकारिक तौर पर टैरिफ लगाना शुरू कर दिया है। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज दोपहर 1 बजे एक महत्वपूर्ण उच्चस्तरीय कैबिनेट बैठक की अध्यक्षता करेंगे, जिसमें अमेरिका द्वारा हाल ही में भारतीय निर्यात पर लगाए गए भारी टैरिफ वृद्धि के प्रभाव का आकलन किया जाएगा। साथ ही, इस बैठक में कुछ अहम फैसले भी लिए जा सकते हैं।

अमेरिका ने भारत पर टैरिफ 50 प्रतिशत बढ़ाने का फैसला किया
अमेरिका द्वारा भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ 50 प्रतिशत बढ़ाने के फैसले के बाद दोनों देशों के बीच बढ़ते व्यापार तनाव के बीच यह कदम उठाया गया है। इस बैठक में अमेरिकी कार्रवाई पर भारत की रणनीतिक प्रतिक्रिया पर चर्चा होने की उम्मीद है। व्हाइट हाउस ने कहा कि गुरुवार आधी रात से 60 से अधिक देशों और यूरोपीय संघ से आने वाले उत्पादों पर 10 प्रतिशत या उससे अधिक का टैरिफ लगेगा।

इन देशों पर भी लगेगा टैरिफ
यूरोपीय संघ, जापान और दक्षिण कोरिया से आने वाले उत्पादों पर 15 प्रतिशत कर लगेगा, जबकि ताइवान, वियतनाम और बांग्लादेश से आयात पर 20 प्रतिशत कर लगेगा। ट्रंप को यह भी उम्मीद है कि यूरोपीय संघ, जापान और दक्षिण कोरिया जैसे देश अमेरिका में अरबों डॉलर का निवेश करेंगे।

एक अमेरिकी व्यापार संघ ने ट्रंप को चेतावनी दी

भारतीय वस्तुओं पर नए टैरिफ का असर अमेरिकियों की रसोई पर भी पड़ेगा। वजह यह है कि नए टैरिफ से भारत से आयातित मसाले महंगे हो जाएँगे, जिससे खाने-पीने की चीज़ों की कीमत बढ़ जाएगी।

एक व्यापार संघ ने बुधवार को चेतावनी दी कि घरेलू रसोई, रेस्टोरेंट और बड़े निर्माताओं द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले कई मसाले भारत से आयात किए जाते हैं और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ से इनकी कीमत बढ़ सकती है। अमेरिकी कृषि विभाग के अनुसार, पिछले साल अमेरिका ने भारत से 41 करोड़ डॉलर से ज़्यादा मूल्य के मसाले आयात किए थे।

कृषि और डेयरी उत्पादों पर अड़ा है अमेरिका

भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर चल रही बातचीत और ट्रंप प्रशासन द्वारा टैरिफ की घोषणा के बाद, प्रधानमंत्री मोदी का यह बयान बेहद अहम माना जा रहा है। दरअसल, भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय वार्ता में कृषि और डेयरी उत्पाद एक बड़ी बाधा साबित हो रहे हैं। अमेरिका अपने कृषि और डेयरी उत्पादों के लिए भारतीय बाज़ार खोलने पर अड़ा है।

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