सामान लेकर भागने ही वाला था कि नींद ने धर दबोचा, मंदिर में चोर का अनोखा ड्रामा
झारखंड की राजधानी रांची के बड़ाजामदा थाना क्षेत्र के टंकीसाई इलाके में शुक्रवार की सुबह एक चोर ने एक मंदिर में नशे की हालत में घुसकर चोरी की घटना को अंजाम दिया। आरोपी युवक ने मंदिर का ताला तोड़कर मां काली और मां शीतला के मंदिर में रखी दानपेटी से पैसे चुरा लिए। साथ ही मां शीतला की मूर्ति पर लगे सोने-चांदी के आभूषण भी उतार लिए। लेकिन चोरी के बाद नशे और नींद की गोली के असर से उसकी हालत बिगड़ गई और वह मूर्ति के सामने ही बेहोश होकर गिर पड़ा।
सुबह मंदिर पहुंचे श्रद्धालुओं ने किया अजीब नजारा देखा
सुबह जब स्थानीय लोग पूजा करने मंदिर पहुंचे तो उन्होंने देखा कि मंदिर का दरवाजा टूटा हुआ है। अंदर जाकर उन्होंने मूर्ति के सामने युवक को बेहोशी की हालत में पड़ा पाया। यह दृश्य देखकर सभी हैरान रह गए। घटना की सूचना समाजसेवी मदन गुप्ता को दी गई, जो सुबह चार बजे मंदिर पहुंचे। उन्होंने तुरंत मंदिर का दरवाजा बंद कर दिया ताकि कोई और अंदर न जा सके। इसके बाद उन्होंने पुलिस को सूचना दी।
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर की जांच
बड़ाजामदा ओपी प्रभारी बालेश्वर ऊरांव पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे और पूरे मामले की वीडियोग्राफी कराई। मंदिर का दरवाजा खोलकर देखा गया तो चोर अब भी मूर्ति के सामने गहरी नींद में सोया हुआ था। काफी प्रयास के बाद उसे होश में लाया गया। आरोपी की जेब से चोरी की गई दानपेटी की रकम, सोने-चांदी के आभूषण और नींद की गोली (टी-10) बरामद हुई।
चोर ने चांदी का त्रिशूल और सिक्के भी चुराए
पुलिस ने बताया कि आरोपी ने मंदिर से चांदी का त्रिशूल और कुछ सिक्के भी चुरा लिए थे, जिन्हें उसने एक थैले में रखा था। लेकिन मंदिर के शांत माहौल और रात की थकान ने उसकी नींद पूरी कर दी और वह चोरी के सामान के साथ मंदिर के एक कोने में सो गया।
पुजारी ने तुरंत गांववालों को बुलाया
सुबह मंदिर के पुजारी जब पहुंचे और चोर को चोरी के सामान के साथ सोते हुए पाया तो उन्होंने तुरंत आसपास के गांव वालों को बुलाया। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस मौके पर पहुंची और चोर को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस ने दर्ज किया मामला, कर रही जांच
पुलिस ने आरोपी के खिलाफ चोरी और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का मामला दर्ज किया है। आगे की कार्रवाई जारी है। पुलिस का कहना है कि इस तरह के मामलों में सख्त कार्रवाई की जाएगी ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं पर रोक लगाई जा सके।

