Samachar Nama
×

मेरा मकसद हरियाणवी भाषा से जुड़ी गलत धारणाओं को तोड़ना : एल्विश यादव

मुंबई, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। हरियाणवी संगीत और संस्कृति पिछले कुछ सालों में देशभर में तेजी से लोकप्रिय हुई है। सोशल मीडिया के दौर में हरियाणा की बोली, गाने, डांस और स्थानीय रंगत लोगों को खूब पसंद आ रही है। खासकर युवा पीढ़ी में हरियाणवी कलाकारों के प्रति रुचि बढ़ी है। इसी बदलती हवा के बीच सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और कंटेंट क्रिएटर एल्विश यादव ने भी अपनी पहचान को नई दिशा दी है।
मेरा मकसद हरियाणवी भाषा से जुड़ी गलत धारणाओं को तोड़ना : एल्विश यादव

मुंबई, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। हरियाणवी संगीत और संस्कृति पिछले कुछ सालों में देशभर में तेजी से लोकप्रिय हुई है। सोशल मीडिया के दौर में हरियाणा की बोली, गाने, डांस और स्थानीय रंगत लोगों को खूब पसंद आ रही है। खासकर युवा पीढ़ी में हरियाणवी कलाकारों के प्रति रुचि बढ़ी है। इसी बदलती हवा के बीच सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और कंटेंट क्रिएटर एल्विश यादव ने भी अपनी पहचान को नई दिशा दी है।

लंबे समय से यूट्यूब और सोशल मीडिया पर सक्रिय एल्विश अब अपनी पहली ओटीटी सीरीज 'औकात से बाहर' लेकर आए हैं। शो के प्रमोशन के दौरान उन्होंने और को-स्टार हेतल गाड़ा ने आईएएनएस से बात की और अपने सपने और उस सोच के बारे में बताया, जिसे वे आगे बढ़ाना चाहते हैं।

आईएएनएस से बात करते हुए एल्विश यादव ने कहा, ''आज जब मैं अपने करियर को देखता हूं, तो महसूस होता है कि किसी न किसी रूप में हरियाणवी इंडस्ट्री ने ही मुझे इस मुकाम पर पहुंचाया है। हालांकि शुरुआत में जब मैं यूट्यूब पर वीडियो बनाता था, तब मैं अपनी मातृभाषा का इस्तेमाल नहीं करता था। तब मुझे लगता था कि शायद मेरी भाषा को लोग पसंद न करें या समझ न पाएं। लेकिन, जैसे ही मैंने अपने वीडियो में हरियाणवी लहजा और अंदाज शामिल किया, दर्शकों ने मुझे पहले से कहीं ज्यादा समर्थन दिया।''

एल्विश यादव ने कहा, ''दर्शकों ने जितना मुझे प्यार दिया है, उतना मैंने कभी उम्मीद भी नहीं की थी। इसी वजह से मैं आज अपनी जड़ों से और भी गहराई से जुड़ा हुआ हूं। हरियाणवी संस्कृति, भाषा और अंदाज ने मुझे एक मजबूत पहचान दी है। मेरे व्यक्तित्व, उच्चारण, और यहां तक कि ऑन-स्क्रीन किरदार में भी ह‍रियाणा की झलक नजर आती है। मैं हमेशा से चाहता हूं कि मैं कुछ ऐसा करूं, जिससे हरियाणवी इंडस्ट्री को और फायदा पहुंचे।''

एल्विश ने बताया कि उनका मकसद हरियाणवी भाषा से जुड़े उन गलत धारणाओं को तोड़ना है, जिनकी वजह से बाहरी लोग इसे गलत तरीके से देखते हैं। अक्सर ह‍रियाणवी को एक गुस्सैल भाषा माना जाता है। लोग सोचते हैं कि इस भाषा के बोलने वाले कठोर स्वभाव के होते हैं या हर बात में टकराव की भावना रखते हैं। उन्होंने कहा, ''मैं इन धारणाओं को बदलना चाहता हूं। हर भाषा की अपनी खासियत होती है, और ह‍रियाणवी भी किसी अन्य भाषा की तरह ही सरल और प्यारी है। मैं चाहता हूं कि लोग हरियाणवी को सही नजर से देखें, एक ऐसी भाषा के रूप में जो संस्कृति, अपनापन और वास्तविकता से भरी है।''

अभिनेत्री हेतल गाड़ा ने एल्विश यादव के साथ स्क्रीन शेयर करने के अनुभव के बारे में आईएएनएस को बताया कि उन्हें लोगों को घर का खाना खिलाने का खास शौक है। एल्विश हमेशा दूसरों को अपने साथ खाना खिलाना चाहते हैं और इसमें उन्हें बेहद खुशी मिलती है।

उन्होंने कहा, ''एल्विश बाहर से भले थोड़े सख्त दिखाई देते हैं, लेकिन उनका अंदर से केयरिंग स्वभाव है। वह अपने आसपास मौजूद लोगों का खास ख्याल रखते हैं।''

हेतल ने हरियाणा के लोगों के स्वभाव के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा, "हरियाणा में लोग बात करने के तरीके से कभी-कभी थोड़े रूड लग सकते हैं, लेकिन उनके दिल में सच्चाई होती है। यही बात एल्विश पर भी लागू होती है। एल्विश की आदत है कि वह सेट पर या किसी भी काम के दौरान दूसरों को घर का बना खाना खिलाए बिना नहीं रहता। यह उसके स्वभाव का हिस्सा है, जिसके बारे में लोग कम जानते हैं।"

आईएएनएस को हेतल ने एक किस्सा भी बताया। उन्होंने बताया, ''मैं खाने का ऑर्डर करने की सोच रही थी, लेकिन तय नहीं कर पा रही थी कि क्या खाया जाए। तभी एल्विश ने कहा कि बाहर से कुछ मंगाने की जरूरत नहीं है क्योंकि वह घर का बना खाना लेकर आए हैं, जिसे उनके दोस्त ने भिजवाया था। उन्होंने सभी को प्यार से खाना खिलाया।''

वेब सीरीज 'औकात से बाहर' अमेजन एमएक्स प्लेयर पर उपलब्ध है।

--आईएएनएस

पीके/एबीएम

Share this story

Tags