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हमारी सेना पाकिस्तान में घुसी, आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया: राकेश सिन्हा

रांची, 17 दिसंबर (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता राकेश सिन्हा ने पृथ्वीराज चव्हाण के 'ऑपरेशन सिंदूर' पर दिए विवादित बयान से किनारा कर लिया है। उन्होंने कहा कि मैं उनके बयान से सहमत नहीं हूं। हमारी सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पराक्रम दिखाते हुए पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया।
हमारी सेना पाकिस्तान में घुसी, आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया: राकेश सिन्हा

रांची, 17 दिसंबर (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता राकेश सिन्हा ने पृथ्वीराज चव्हाण के 'ऑपरेशन सिंदूर' पर दिए विवादित बयान से किनारा कर लिया है। उन्होंने कहा कि मैं उनके बयान से सहमत नहीं हूं। हमारी सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पराक्रम दिखाते हुए पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया।

रांची में समाचार एजेंसी आईएएनएस से खास बातचीत के दौरान कांग्रेस नेता ने कहा कि हम इससे सहमत नहीं हैं। हमारी सेना की ताकत और रणनीति पूरी तरह से मजबूत थी। हमारी सेना पाकिस्तान में घुस गई थी, आतंकवादी ठिकानों पर हमला कर रही थी और तबाही मचा रही थी। सवाल यह उठता है कि सीजफायर क्यों किया गया? जब हमारी सेना की ताकत और रणनीति अपने चरम पर थी, तब डोनाल्ड ट्रंप ने बार-बार कहा कि उन्होंने सीजफायर करवाया। देश के प्रधानमंत्री ने अभी तक डोनाल्ड ट्रंप के बयान पर कोई जवाब नहीं दिया है। देश की सरकार को बताना चाहिए कि सीजफायर के बाद हमने युद्ध में क्या खोया और क्या पाया।

राहुल गांधी की जर्मनी यात्रा को लेकर उठ रहे सवालों पर कांग्रेस नेता ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री भी विदेश यात्राओं पर जाते हैं। जब संसद का सेशन चल रहा होता है, तब भी प्रधानमंत्री विदेश जाते हैं। प्रधानमंत्री को देश में रहकर विपक्ष के सवालों का जवाब देना चाहिए। राहुल गांधी और विपक्ष सवाल उठाते रहेंगे। हमारा मानना है कि आप कितनी भी कोशिश कर लें, विपक्ष को चुप नहीं कराया जा सकता। विपक्ष सवाल उठाता रहेगा।

इथियोपिया द्वारा पीएम मोदी को अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित करने पर कांग्रेस नेता राकेश सिन्हा ने कहा कि यह अच्छी बात है कि उन्हें सर्वोच्च नागरिक सम्मान मिला। लेकिन जिसने भारत में समानता सुनिश्चित करने के लिए काम किया, जिसने भारत के लोगों और मजदूरों को आवाज दी, अगर आप गांधी के अपने देश में गांधी के विचारों और उनके नाम को मिटा देते हैं, तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपको विदेश में पहचान मिलती है। अगर आप देश में गांधी के विचारों का सम्मान करते हैं, तो स्वाभाविक रूप से, वह सम्मान ही सबसे बड़ा सम्मान है।

--आईएएनएस

डीकेएम/पीएसके

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