ग्वालियर के तानसेन समारोह में होगा सुर, ताल और राग का संगम
ग्वालियर, 15 दिसंबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश की संगीतधानी ग्वालियर में सोमवार की रात से तानसेन समारोह की शुरुआत होने वाली है। इस समारोह में 15 दिसंबर से 19 दिसंबर तक सुर, ताल और राग का संगम होगा। इसका उद्घाटन मुख्यमंत्री मोहन यादव सोमवार की देर शाम करेंगे।
आयोजन में विभिन्न ख्यातिनाम कलाकार अपनी प्रस्तुतियों से संगीत सम्राट तानसेन को याद करेंगे। भारतीय शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में देश के सर्वाधिक प्रतिष्ठित महोत्सव 'तानसेन संगीत समारोह' की बेला आ गई है।
ग्वालियर की फिजाएं अगले पांच दिनों तक सुर, ताल व राग की बारिश में सराबोर रहेंगी। तानसेन समारोह का यह 101वां आयोजन है। ऐतिहासिक ग्वालियर दुर्ग से पूरी दुनिया को शून्य का परिचय करा रहे 'चतुर्भुज मंदिर' की थीम पर तानसेन समाधि के समीप बने भव्य एवं आकर्षक मंच पर सोमवार को सांध्य बेला में समारोह का शुभारंभ मुख्यमंत्री मोहन यादव करेंगे।
इस समारोह में देश और दुनिया के ब्रम्हनाद के शीर्षस्थ साधक संगीत सम्राट तानसेन को स्वरांजलि अर्पित करेंगे। तानसेन समारोह के शुभारंभ के साथ राष्ट्रीय तानसेन अलंकरण एवं राजा मानसिंह तोमर सम्मान समारोह का आयोजन भी होगा।
प्रख्यात शास्त्रीय गायक पं. राजा काले मुंबई को वर्ष 2024 एवं सुविख्यात संतूर वादक पं. तरुण भट्टाचार्य को वर्ष 2025 के तानसेन अलंकरण से विभूषित किया जाएगा। इसी तरह मण्डलेश्वर की साधना परमार्थिक संस्थान समिति को वर्ष 2024 एवं ग्वालियर की रागायन संगीत समिति को वर्ष 2025 का राजा मानसिंह तोमर सम्मान से अलंकृत किया जाएगा।
शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में देश और दुनिया के सर्वाधिक प्रतिष्ठित महोत्सव तानसेन समारोह में इस बार अलग ही रंग भरे गए हैं। तय कार्यक्रम के अनुसार मुख्य सभाओं के लिए ग्वालियर किले पर स्थित ऐतिहासिक चतुर्भुज मंदिर की थीम पर बनाए गए भव्य मंच पर अतिथियों द्वारा औपचारिक शुभारंभ किया जाएगा। इसके बाद सांगीतिक सभाओं की शुरुआत होगी।
तानसेन संगीत समारोह में इस साल 10 संगीत सभाएं होंगी। पहली सभा 15 दिसंबर को सायंकाल तानसेन समाधि परिसर में बनाए गए भव्य मंच पर सजेगी। इसके बाद हर दिन यहीं पर प्रातः एवं सायंकालीन सभाएं होंगी। समारोह के तहत 18 दिसंबर को प्रातः काल 10 बजे से दो संगीत सभाएं समानांतर रूप से सजेंगीं। यह सभाएं तानसेन समाधि स्थल के मुख्य मंच और मुरैना जिले के सुप्रसिद्ध बटेश्वर मंदिर परिसर में संगीत सभा सजेगी।
समारोह के आखिरी दिन, यानी 19 दिसंबर को प्रातःकालीन सभा संगीत शिरोमणि तानसेन की जन्मस्थली बेहट में और इस साल के समारोह की अंतिम संगीत सभा सायंकाल गूजरी महल परिसर में सजेगी।
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