गुजरात: प्लास्टइंडिया फाउंडेशन ने अहमदाबाद में प्लास्टइंडिया 2026 के लिए किया रोड शो
अहमदाबाद, 17 दिसंबर (आईएएनएस)। प्लास्टइंडिया फाउंडेशन ने बुधवार को अहमदाबाद में प्लास्टइंडिया 2026 के लिए एक रोड शो का आयोजन किया। इस रोड शो में गुजरात के प्लास्टिक और विनिर्माण क्षेत्र के हितधारकों को उद्योग के विकास की रूपरेखा प्रस्तुत करने के लिए एक साथ लाया गया। इस अवसर पर 2026 तक राष्ट्रीय प्लास्टिक उद्योग का मूल्य 50 अरब डॉलर तक पहुंचाने के लक्ष्य के साथ 'भारत नेक्स्ट' रोडमैप का भी अनावरण किया गया।
नई दिल्ली के भारत मंडपम में 5 से 10 फरवरी तक होने वाले प्लास्टइंडिया 2026 के आयोजन से पहले इस रोड शो में उद्योग जगत से जुड़े लोगों और नीति निर्माताओं ने भाग लिया। यह कार्यक्रम गुजरात राज्य प्लास्टिक निर्माता संघ के सहयोग से आयोजित किया गया था।
भारत के प्लास्टिक उत्पादन, प्रसंस्करण और निर्यात में गुजरात के प्रमुख योगदान पर चर्चा का केंद्र बिंदु रहा, जिसमें राज्य के एकीकृत पेट्रोकेमिकल आधार और स्थापित विनिर्माण समूहों पर विशेष जोर दिया गया।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री हर्ष संघवी मुख्य अतिथि रहे, जबकि उद्योग एवं खान विभाग की प्रधान सचिव ममता वर्मा विशिष्ट अतिथि रहीं।
भारत का प्लास्टिक क्षेत्र पिछले एक दशक में लगातार विकसित हुआ है, जो 2010 में लगभग 15 अरब डॉलर से बढ़कर 2023 में 37 अरब डॉलर से अधिक हो गया है। वर्तमान में निर्यात लगभग 10 अरब डॉलर है और 2026 तक इसके 15 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। रोड शो ने प्लास्टइंडिया 2026 को भारत और विदेशों के निर्माताओं, प्रोसेसरों, प्रौद्योगिकी प्रदाताओं और खरीदारों के लिए एक महत्वपूर्ण प्लेटफॉर्म के रूप में स्थापित किया है।
प्लास्टइंडिया फाउंडेशन के अध्यक्ष रविश कामथ ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था 2047 तक 30 ट्रिलियन डॉलर के लक्ष्य को प्राप्त करने की राह पर है। प्लास्टिक क्षेत्र इस विकास का मुख्य चालक होगा। राजकोट, हलोल और वापी जैसे केंद्रों में विकसित पेट्रोकेमिकल अवसंरचना और प्रसंस्करण क्षमताओं के साथ गुजरात इस विस्तार का लाभ उठाने के लिए अद्वितीय रूप से सक्षम है। प्लास्टइंडिया 2026 गुजरात के निर्माताओं के लिए वैश्विक अनुबंध और प्रौद्योगिकी साझेदारी हासिल करने का द्वार है।
प्लास्टइंडिया फाउंडेशन की राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद के अध्यक्ष आलोक तिबरेवाला ने कहा कि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में बदलाव आ रहा है और दुनिया विश्वसनीय, उच्च गुणवत्ता वाले विनिर्माण के लिए भारत की ओर देख रही है।
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