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बिकिनी पहनकर अश्लील वीडियो बनाता था सरकारी डॉक्टर? पत्नी के सनसनीखेज आरोपों से यूपी का संत कबीर नगर हिला

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उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर से एक बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने चिकित्सा जगत और प्रशासनिक हलकों में सनसनी फैला दी है। एक महिला ने अपने सरकारी डॉक्टर पति पर आरोप लगाया है कि वह ट्रांसजेंडर महिला का रूप धारण कर बिकिनी में अश्लील वीडियो बनाता है और उन्हें ऑनलाइन बेचता है। यह दावा किसी और ने नहीं, बल्कि खुद डॉक्टर की पत्नी ने किया है, जिससे मामला और भी गंभीर हो गया है।

पत्नी के आरोप: बिकिनी, वीडियो और ऑनलाइन कारोबार

डॉक्टर वरुणेश दुबे, जो कि संत कबीर नगर की जिला जेल के परिसर में स्थित सरकारी आवास में रहते हैं, पर उनकी पत्नी सिंपी पांडे ने सनसनीखेज आरोप लगाए हैं। सिंपी ने कहा कि उनके पति ट्रांसजेंडर महिला के रूप में सज-धज कर दूसरे पुरुषों के साथ आपत्तिजनक वीडियो बनाते हैं और उन्हें ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर बेचते हैं

सिंपी को इस बात का शक तब हुआ जब उन्होंने एक वायरल वीडियो देखा, जिसमें एक व्यक्ति महिला के कपड़ों में, खासकर बिकिनी में, एक पुरुष के साथ आपत्तिजनक स्थिति में नजर आ रहा था। वीडियो की लोकेशन, सजावट और बैकग्राउंड देखकर सिंपी को यकीन हो गया कि वीडियो उनके ही घर में शूट किया गया है।

विवाद, मारपीट और पुलिस कार्रवाई

18 मई को सिंपी पांडे ने गोरखपुर में स्थित अपने पति के सरकारी आवास पर जाकर इस वीडियो के बारे में सवाल किया। इस दौरान पति-पत्नी के बीच तीखी बहस हुई, जो बाद में हिंसक झगड़े और मारपीट में बदल गई। सिंपी के पिता और भाई भी इस दौरान वहां पहुंचे और डॉक्टर वरुणेश से बात की। यह पूरा घटनाक्रम सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया।

मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने डॉक्टर के सरकारी आवास को सील कर दिया है। इसके साथ ही एक उच्च स्तरीय विभागीय जांच समिति का गठन किया गया है, जो वीडियो की फोरेंसिक जांच कर रही है।

एफआईआर में मानसिक उत्पीड़न और बेवफाई के आरोप

सिंपी पांडे की शिकायत पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है। इसमें मानसिक उत्पीड़न, शारीरिक हिंसा, बेवफाई और अश्लील गतिविधियों में लिप्त होने के आरोप शामिल हैं। पुलिस के मुताबिक मामले की हर एंगल से जांच की जा रही है और तकनीकी सबूत जुटाए जा रहे हैं।

डॉक्टर की सफाई: डीपफेक वीडियो और साजिश का आरोप

डॉ. वरुणेश दुबे ने सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। उनका कहना है कि वायरल वीडियो डीपफेक तकनीक से बनाए गए हैं और यह सब उन्हें बदनाम करने की साजिश है। उन्होंने शक जताया है कि उनकी पत्नी के कुछ तकनीकी जानकार रिश्तेदार इस साजिश में शामिल हो सकते हैं। डॉक्टर ने मीडिया से कहा कि वे पूरी तरह निर्दोष हैं और मामले की निष्पक्ष जांच चाहते हैं।

जांच के बाद सामने आएगी सच्चाई

फिलहाल इस मामले ने स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय प्रशासन में हड़कंप मचा दिया है। पुलिस और विभागीय जांच टीम दोनों ही मामले की गंभीरता से जांच कर रहे हैं। इस घटना ने यह सवाल भी खड़ा कर दिया है कि क्या सरकारी पदों पर बैठे लोगों के निजी जीवन में ऐसे व्यवहार की कोई जगह होनी चाहिए?

जांच रिपोर्ट और फोरेंसिक विश्लेषण के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि वीडियो असली है या किसी गहरी साजिश का हिस्सा। लेकिन एक बात तो साफ है — यह मामला समाज, मीडिया और तकनीक के त्रिकोण में खड़ी एक बेहद संवेदनशील कहानी बन चुका है।

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