एक पति की चार पत्नियां, कोर्ट में दो बीवियों के बीच हुई ऐसी खटपट… बालों से घसीटकर एक दूसरे को पीटा

मध्य प्रदेश के दतिया जिले में पारिवारिक विवाद उस वक्त हिंसक हो गया, जब एक व्यक्ति की चार पत्नियों में से पहली और चौथी पत्नी कोर्ट परिसर में आमने-सामने आ गईं। गुजारा भत्ता मामले की सुनवाई के दौरान दोनों महिलाओं के बीच कहासुनी इतनी बढ़ गई कि देखते ही देखते मामला हाथापाई में बदल गया।
मामला दतिया के जिला न्यायालय के कुटुंब न्यायालय परिसर का है, जहां मंगलवार को एक महिला ने अपने पति के खिलाफ भरण-पोषण (गुजारा भत्ता) की याचिका पर सुनवाई में भाग लेने के लिए कोर्ट पहुंची थी। लेकिन कोर्ट परिसर में मौजूद पति की चौथी पत्नी और बहन के साथ उसकी बहस हो गई। विवाद इतना बढ़ा कि दोनों महिलाएं एक-दूसरे पर टूट पड़ीं। कोर्ट परिसर में बाल खींचने, थप्पड़ मारने और जोर-जबरदस्ती का दृश्य देखने को मिला।
इस हाई वोल्टेज ड्रामे का वीडियो किसी ने मोबाइल में रिकॉर्ड कर लिया और सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया। वीडियो तेजी से वायरल हो गया है, जिसमें दोनों महिलाएं कोर्ट में एक-दूसरे से झगड़ती नजर आ रही हैं। मौके पर मौजूद महिला पुलिसकर्मियों और वकीलों ने हस्तक्षेप कर किसी तरह दोनों को अलग किया।
चार शादियों वाला पति और लंबा विवाद
इस विवाद की जड़ में है झांसी निवासी हयातउल्ला खान, जो वर्तमान में रेलवे विभाग में कार्यरत है। हयातउल्ला की पहली शादी राजदा खान नाम की महिला से हुई थी। शादी के कुछ वर्षों बाद दोनों के रिश्तों में दरार आ गई और पति ने पत्नी व बच्चों को छोड़ दिया। राजदा का आरोप है कि पति ने न तो खर्चा दिया, न ही बच्चों की परवरिश में कोई मदद की।
इसके बाद राजदा ने 2019 में हयातउल्ला के खिलाफ गुजारा भत्ता का मामला दर्ज कराया था। कोर्ट ने पति को आदेश दिया था कि वह पत्नी और बच्चों को हर महीने 4-4 हजार रुपये दे। बाद में हाईकोर्ट ने यह राशि बढ़ाकर 5-5 हजार रुपये कर दी। लेकिन हयातउल्ला ने एक भी रुपया नहीं दिया, उल्टा उसने दूसरी, तीसरी और फिर चौथी शादी कर ली।
हमले के बाद केस दर्ज
मंगलवार को जब राजदा अदालत पहुंची, तो वहां हयातउल्ला की चौथी पत्नी और बहन भी मौजूद थीं। सुनवाई के दौरान राजदा और चौथी पत्नी के बीच जमकर बहस हुई, जो बाद में हाथापाई में बदल गई। चौथी पत्नी और ननद पर राजदा ने मारपीट का आरोप लगाया, जिसके आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।
चिरुला विना पुलिस थाना द्वारा हयातउल्ला की चौथी पत्नी और बहन के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
निष्कर्ष:
यह मामला न सिर्फ पारिवारिक कलह का प्रतीक है, बल्कि महिलाओं के अधिकार और कानून की गंभीरता को भी सामने लाता है। अदालतें न्याय देने की जगह होती हैं, न कि हिंसा का अड्डा। इस तरह की घटनाएं न केवल कानून व्यवस्था को चुनौती देती हैं, बल्कि समाज में रिश्तों की टूटती मर्यादाओं को भी उजागर करती हैं।