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‘पहली मुलाकात, होटल के कमरे में एक रात और...जेल से निकलते ही शख्स ने बताई उस रात की कहानी

उत्तर प्रदेश के शामली में तैनात डिप्टी एसपी श्रेष्ठा ठाकुर (डीएसपी श्रेष्ठा ठाकुर) का मामला एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। श्रेष्ठा ठाकुर के पूर्व पति रोहित कुमार सिंह ने मीडिया के सामने अपनी चुप्पी तोड़ी है। रोहित ने अपनी पूर्व पत्नी श्रेष्ठा ठाकुर द्वारा लगाए गए आरोपों पर मीडिया से बात की है। उन्होंने अपनी पूर्व पत्नी पर भी कई गंभीर आरोप लगाए हैं। शनिवार को रोहित कुमार सिंह ने बिहार के आरा शहर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया।

रोहित ने बताया कि 2017 में एक दोस्त के जरिए फेसबुक पर उसकी श्रेष्ठा ठाकुर से बातचीत हुई थी। श्रेष्ठा ने ही रोहित को मित्रता हेतु अनुरोध भेजा था। तब से रोहित और श्रेष्ठा में बातचीत होने लगी। दोनों ने करीब दो महीने तक चैटिंग की, फिर जब दोनों करीब आए तो रोहित ने अपना नंबर श्रेष्ठा को दे दिया। इसके बाद दोनों सहमत हो गए और उन्होंने लखनऊ में मिलने का कार्यक्रम बनाया। फिर अगस्त के महीने में रोहित और श्रेष्ठा की मुलाकात लखनऊ के एक होटल में हुई। रोहित के अनुसार, उन दोनों ने उस होटल में एक ही कमरे में रात बिताई थी।

उन्होंने कहा-श्रेष्ठा ठाकुर से यह उनकी पहली मुलाकात थी। फिर सुबह होते ही श्रेष्ठा ने पिस्तौल के बल पर रोहित पर शादी का दबाव बनाना शुरू कर दिया। 9 अगस्त 2017 को रोहित और श्रेष्ठा ठाकुर ने पहली बार लखनऊ के हजरतगंज स्थित एक मंदिर में शादी की। फिर करीब दस महीने बाद 16 जुलाई 2018 को श्रेष्ठा और रोहित की बिहार के पटना (किसान मैरेज हॉल, सगुना) में सामाजिक रूप से शादी हो गई। इस विवाह में दोनों परिवारों की सहमति थी।

श्रेष्ठा के पास 6 साल का बेटा

रोहित ने बताया कि उनका एक छह साल का बेटा भी है, जिसका नाम राज कुलश्रेष्ठ है। लेकिन श्रेष्ठ ने उसका नाम श्रेयांश रखा. बेटा अभी भी श्रेष्ठा के पास है। श्रेष्ठा ने पुलिस की नौकरी का फायदा उठाते हुए दिसंबर 2021 में गाजियाबाद कोर्ट में फिर से तलाक के लिए अर्जी दी। रोहित ने कहा- फिर उन्होंने 2024 में मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई, जिसके कारण मुझे जेल जाना पड़ा। मुझ पर जालसाजी और झूठी शादी का आरोप लगाया गया है। लेकिन ये सारी बातें निराधार हैं। रोहित ने बताया कि श्रेष्ठा ने ऐसा कुछ नहीं कहा।

रोहित ने आरोप लगाते हुए कहा- जब हम दोनों ने अपनी शादी को सामाजिक बनाना चाहा तो उन लोगों ने खुद मेरे बारे में बताना शुरू कर दिया कि मैं इनकम टैक्स में असिस्टेंट कमिश्नर हूं। इस तरह से बताकर उसने मुझे फंसाना शुरू कर दिया। यहां तक ​​कि जब हम पटना आए तो सारा खर्च मैंने ही उठाया, जिसका मेरे पास सबूत भी है। मुझे नहीं पता कि उन लोगों ने क्या किया, लेकिन उनकी मां का कहना है कि दहेज में ढाई करोड़ रुपये दिए गए थे। उनके भाई ने डेढ़ करोड़ का दहेज मांगा है और श्रेष्ठ का कहना है कि एक करोड़ रुपए दहेज दिया गया है।

मेरा सारा काम बंद कर दिया

रोहित सिंह ने आगे कहा कि मुझ पर पुलिस के दबाव के कारण मेरे सारे काम रुक गए हैं। फिर भी पुलिस मामले में दबाव बनाने की बात कह रही है। रोहित ने बताया कि शादी के समय मैंने एक-एक बात बता दी थी। रोहित ने श्रेष्ठा को बताया कि रांची में कोचिंग और स्कूल है। शादी को सार्वजनिक करने से पहले हम दोनों नेपाल, पुरी और कई अन्य जगहों पर गए। जब शादी की घोषणा हुई तो उनकी तरफ से 15 से 20 लोग आए थे, हमारी तरफ से भी काफी लोग आए थे। वहीं, जब बच्चा पैदा हुआ तो श्रेष्ठा ने सितंबर 2023 में बिहार के बिहिया थाने में भी यही मामला दर्ज कराया।

मुझे बच्चे से मिलने की अनुमति नहीं दी गई

बताया- उसके बाद करीब 20 से 25 लोग मेरे घर आए और कहा कि कमिश्नर साहब मुझसे मिलना चाहते हैं। उन्होंने गलत तरीके से मेरा चश्मा तोड़कर मुझे जबरदस्ती ले गए। अभी तक मेरा और श्रेष्ठा का तलाक नहीं हुआ है, दोनों का केस गाजियाबाद कोर्ट में चल रहा है। रोहित ने बताया कि 2021 के बाद से श्रेष्ठा ने कभी बच्चे से मिलने नहीं दिया।

10 फरवरी 2024 को जेल भेजा जाएगा

रोहित ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि श्रेष्ठा ने पुलिस बुलाकर मेरे साथ मारपीट की, जिसके बाद तलाक का केस दर्ज हुआ और मैंने भी इसके लिए सहमति दे दी। रोहित सिंह ने बताया कि वह 10 फरवरी 2024 को जेल गया था। रोहित के खिलाफ गाजियाबाद के कौशांबी थाने में आईपीसी की धारा 368 और 367 के तहत जालसाजी का मामला दर्ज किया गया था। उसके बाद वह जेल से बाहर आया और बहुत परेशान था। लेकिन अब मैं इस मामले को मीडिया के सामने लाना चाहता हूं।

वहीं रोहित ने तलाक की वजह यह बताई कि श्रेष्ठा नहीं चाहती थी कि मैं अपने परिवार के लिए कुछ करूं। मैंने अपने परिवार के सदस्यों को एक घर दिया, मैंने अपने भाइयों को एक घर दिया। वह कहती थी कि मैं सारा पैसा उसे दे दूं और अपने परिवार से रिश्ता तोड़ दूं। श्रेष्ठ मेरे घर आने को तैयार नहीं था और मुझसे कहता था कि तुम मेरे घर में दामाद बनकर रहो। रोहित ने कहा कि श्रेष्ठा ठाकुर की मां ने यह काम किया है। उसकी मां की वजह से उसके एक भाई की पत्नी 22 साल से अलग रह रही है और दूसरे भाई की पत्नी 5 साल से अलग रह रही है। रोहित ने कहा- गाजियाबाद में मेरे साथ अत्याचार करने वाले पुलिस के खिलाफ भी मैंने मामला दर्ज कराया है। इस मामले में अदालत का आदेश लंबित है।

लेडी सिंघम और रोहित कुमार सिंह क्या है मामला?

2008 बैच की तेजतर्रार पीपीएस अधिकारी श्रेष्ठा ठाकुर ने अपने पूर्व पति रोहित राज के खिलाफ गाजियाबाद के कौशांबी थाने में मामला दर्ज कराया है। श्रेष्ठा ने अपनी शिकायत में कहा है कि रोहित राज ने खुद को आईआरएस अधिकारी बताया था। उन्होंने अपनी नियुक्ति रांची में डिप्टी कमिश्नर के रूप में घोषित की थी। 2018 में उन्होंने रोहित राज से शादी की। शादी के बाद उसे अपने पति की सच्चाई तब पता चली जब वह उसके नाम पर धोखा देने लगा।

श्रेष्ठ ने अपने आरोप में लिखा है कि रोहित राज की ओर से धोखाधड़ी की घटनाएं बढ़ रही थीं। श्रेष्ठा ठाकुर के पास शिकायतें आने लगीं। परेशान होकर श्रेष्ठा ने अपने पूर्व पति के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। बताया जा रहा है कि आरोपी ने श्रेष्ठा ठाकुर से भी लाखों रुपए की ठगी की है अथवा शादी से पहले श्रेष्ठा के परिजनों ने रोहित राज के बारे में जानकारी जुटाई थी। उस समय इसी नाम का एक आईआरएस अधिकारी रांची में डिप्टी कमिश्नर के पद पर तैनात था। श्रेष्ठा और उसका परिवार एक ही नाम से धोखा खा गए।

श्रेष्ठा ठाकुर ने ससुराल वालों के खिलाफ मामला दर्ज कराया

श्रेष्ठा ठाकुर ने पूर्व पति रोहित राज सिंह, ससुर वकील शरण सिंह और रोहित के भाई संजीत सिंह के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। लखनऊ में प्लॉट खरीदने के लिए रोहत ने खाते से 10 लाख रुपये निकाले। उनके बैंक खाते से धोखाधड़ी से हस्ताक्षर करके 15 लाख रुपये निकाल लिए गए। व्यथित होकर उसने तलाक ले लिया।

क्या रोहित कुमार सिंह ने रोहित राज सिंह बनकर श्रेष्ठा से विवाह कर लिया?

एक रिपोर्ट के अनुसार, रोहित राज नाम के एक अन्य व्यक्ति का चयन 2008 में आईआरएस के लिए हुआ था। वह रांची में डिप्टी कमिश्नर के पद पर तैनात थे। लेकिन जिस रोहित से डीएसपी की शादी हुई थी, वह वही रोहित नहीं था। दोनों का नाम एक ही था। इस वजह से, पूरा मामला उलट गया। श्रेष्ठा ठाकुर उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले से हैं। उन्होंने 2012 में यूपीपीएससी परीक्षा पास की। यूपीपीएससी पास करने के बाद वह डीएसपी बन गईं।

रोहित ने तीन बार दिया यूपीएससी इंटरव्यू

फर्जी आईआरएस मामले में रोहित ने बताया कि वह मूल रूप से बिहार के बिहिया थाना क्षेत्र के अमराई नवादा गांव का रहने वाला है। रोहित ने तीन बार यूपीएससी का इंटरव्यू दिया। लेकिन उनका चयन नहीं हो सका। वहीं, शादी से पहले मैंने श्रेष्ठा को सबकुछ बता दिया था। उन्होंने अपने व्यवसाय के बारे में भी बताया। रोहित बताते हैं कि वे 2012 से 2020 तक रांची में आईएएस जोन नाम से कोचिंग चलाते थे।

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