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पहले बेटी का कत्ल, अब कातिल पिता ने खुद के लिए मांगी मौत... राधिका मर्डर केस में मोटिव बना पहेली, कब सामने आएगा सच?

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हरियाणा के गुरुग्राम में हुए राधिका यादव मर्डर केस ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस सनसनीखेज हत्याकांड में सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि आरोपी कोई बाहरी नहीं, बल्कि खुद राधिका का पिता दीपक यादव है। उसने अपनी ही बेटी की जान ली और अब वह खुद के लिए मौत की मांग कर रहा है। लेकिन सवाल यह है कि एक बाप ने ऐसा क्यों किया? क्या वो वाकई गांव वालों के तानों से टूट गया था, या इस हत्या के पीछे छिपी है कोई गहरी साजिश?

सोशल मीडिया नहीं, तो वजह क्या?

राधिका का इंस्टाग्राम अकाउंट पूरी तरह प्राइवेट था, जिसके केवल 69 फॉलोअर्स थे और वह 67 लोगों को फॉलो करती थी। उसके सभी पोस्ट साधारण थे और किसी भी तरह की आपत्तिजनक या परिवार को शर्मिंदा करने वाली सामग्री मौजूद नहीं थी। इसीलिए सोशल मीडिया को कत्ल की वजह मानना बेमानी है।

एफआईआर में क्या लिखा है?

एफआईआर के अनुसार, दीपक यादव गांव वालों के उस ताने से परेशान था जिसमें कहा जा रहा था कि वह अपनी बेटी की कमाई खा रहा है। लेकिन वजीराबाद गांव के लोग इस थ्योरी को खारिज करते हैं। गांव वालों का कहना है कि दीपक और उसके परिवार का गांव में इतना रुतबा है कि कोई उस पर इस तरह का ताना मार ही नहीं सकता। इसके अलावा, दीपक की मासिक कमाई किराये से ही 20-22 लाख रुपये है, तो उसे बेटी की कमाई की ज़रूरत भी नहीं।

क्या राधिका का कोई अफेयर था?

पुलिस जांच में अब तक राधिका के किसी प्रेम-प्रसंग की पुष्टि नहीं हुई है। एक पुराने म्यूजिक एलबम को लेकर कुछ लोगों ने उसका नाम दुबई में रहने वाले इनामुल से जोड़ा था, लेकिन असल में दोनों के बीच कोई निजी रिश्ता नहीं था। उनका रिश्ता केवल एक शूट तक ही सीमित था।

परिवार की पाबंदियां या आज़ादी?

यह भी कहा गया कि राधिका पर पारिवारिक पाबंदियां थीं, लेकिन उसके टेनिस करियर और विदेश यात्राओं को देखते हुए यह बात भी कमजोर पड़ जाती है। वह अपने टेनिस कोचिंग के लिए गुरुग्राम में अलग-अलग अकेडमी किराये पर लेकर बच्चों को ट्रेनिंग देती थी, लेकिन कोई स्थायी एकेडमी नहीं थी।

हत्या से ठीक पहले की संदिग्ध गतिविधियां

राधिका की दोस्त हिमांशिका ने एक वीडियो में दावा किया कि दीपक यादव पिछले तीन दिनों से मर्डर की प्लानिंग कर रहा था। कत्ल वाले दिन राधिका के भाई को घर से बाहर भेजा गया, और राधिका के पालतू डॉगी को उससे दूर किया गया। हत्या सुशांत लोक 2 के सेक्टर 57 की कोठी में हुई।

घटना के समय घर में राधिका, दीपक और मां मंजू मौजूद थीं। मंजू बीमार थीं और दूसरे कमरे में थीं। गोली चलने की आवाज सुनकर नीचे से दीपक का भाई कुलदीप ऊपर पहुंचा तो उसने राधिका को खून से लथपथ पाया और लाइसेंसी रिवॉल्वर पास में पड़ा था।

पांच गोली, एक हत्या

पुलिस को मौके से पांच खाली कारतूस और एक जिंदा गोली मिली। दीपक यादव ने शुरू में बेटे धीरज के बाहर होने की झूठी जानकारी दी, लेकिन बाद में सीसीटीवी फुटेज में धीरज दूध का डोल लिए गांव में देखा गया। इससे शक गहरा गया कि क्या कत्ल से पहले सब कुछ प्लान किया गया था?

कबूलनामे के बाद भी सवाल बाकी

दीपक यादव ने हत्या की बात कबूल कर ली है और फिलहाल 14 दिन की न्यायिक हिरासत में है। पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल रिवॉल्वर और आरोपी को मौके से ही पकड़ लिया था। यही वजह रही कि एक दिन की ही पुलिस कस्टडी में मामला अदालत में चला गया। पुलिस सूत्रों के अनुसार, चार्जशीट में भी वही कारण शामिल होगा जो एफआईआर में दर्ज है—यानी गांव वालों का ताना।

लेकिन असली सवाल यही है—क्या राधिका का कत्ल सिर्फ एक ताने की वजह से हुआ? या फिर अभी भी इस हत्याकांड का कोई अहम पहलू पर्दे में छिपा है? सच जो भी हो, एक होनहार बेटी अब इस दुनिया में नहीं रही, और उसका अपना पिता आज सलाखों के पीछे है।

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