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'फेडरेशन में बदमाशों को बैठा दिया गया है', रेसलर निर्मला के समर्थन में उतरीं विनेश फोगाट

नई दिल्ली, 6 दिसंबर (आईएएनएस)। हरियाणा स्टेट रेसलिंग चैंपियनशिप में अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी निर्मला बूरा को खेलने से रोका गया, जिसके बाद विवाद खड़ा हो गया। इस मामले में ओलंपियन विनेश फोगाट ने निर्मला का पक्ष लिया है। उन्होंने फेडरेशन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि इसमें 'गुंडे-बदमाशों' को बैठा दिया गया है।
'फेडरेशन में बदमाशों को बैठा दिया गया है', रेसलर निर्मला के समर्थन में उतरीं विनेश फोगाट

नई दिल्ली, 6 दिसंबर (आईएएनएस)। हरियाणा स्टेट रेसलिंग चैंपियनशिप में अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी निर्मला बूरा को खेलने से रोका गया, जिसके बाद विवाद खड़ा हो गया। इस मामले में ओलंपियन विनेश फोगाट ने निर्मला का पक्ष लिया है। उन्होंने फेडरेशन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि इसमें 'गुंडे-बदमाशों' को बैठा दिया गया है।

विनेश फोगाट ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें निर्मला बूरा रोते हुए नजर आ रही हैं। विनेश ने इस वीडियो के साथ लिखा, "निर्मला बूरा हरियाणा की एक अत्यंत सम्मानित और उपलब्धि-सम्पन्न खिलाड़ी हैं। वे भीम अवार्डी, कॉमनवेल्थ गेम्स सिल्वर मेडलिस्ट, एशियन चैम्पियनशिप सिल्वर मेडलिस्ट और 20 बार सीनियर नेशनल मेडलिस्ट रही हैं, जिनमें से 14–15 गोल्ड मेडल सिर्फ सीनियर नेशनल स्तर पर हैं। वर्तमान में वे हरियाणा पुलिस में इंस्पेक्टर के पद पर सेवा दे रही हैं। कुश्ती में आज के समय में वे सबसे सीनियर सक्रिय खिलाड़ी हैं, और इस उम्र में भी उनका निरंतर खेलना हम सभी के लिए एक प्रेरणा है।"

उन्होंने लिखा, "हाल ही में हरियाणा में नेशनल के लिए हुए ट्रायल में उनके साथ अत्यंत अनुचित व्यवहार किया गया। निर्मला बूरा का ट्रायल तक नहीं लिया गया, न कोई कारण बताया गया और न कोई आधिकारिक सूचना दी गई। फेडरेशन में गुंडे-बदमाशों को बैठा दिया जो मनमर्जी से, बिना किसी पारदर्शिता के, खिलाड़ियों को शामिल या बाहर करने का निर्णय ले रहे हैं। दुर्भाग्य यह है कि हरियाणा और केंद्र का खेल मंत्रालय इस गंभीर मुद्दे पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहा, जबकि खिलाड़ी पूरे वर्ष कड़ी मेहनत करते हैं और उचित अवसर की उम्मीद में रहते हैं।"

विनेश फोगाट ने इस मामले में सरकार और खेल मंत्रालय से हस्तक्षेप करने की अपील करते हुए लिखा, "अगर निर्मला बूरा जैसी अनुभवी और देश के लिए अनगिनत पदक जीतने वाली खिलाड़ी की सुनवाई नहीं हो रही, तो आने वाली पीढ़ी के खिलाड़ियों का भविष्य कैसे सुरक्षित रहेगा? यह स्थिति केवल एक खिलाड़ी की नहीं, बल्कि पूरे भारतीय खेल तंत्र पर एक प्रश्न है और अब इसमें सुधार अनिवार्य हो चुका है। खेलों में पारदर्शिता, जवाबदेही और निष्पक्षता बहाल करना समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है, ताकि हर खिलाड़ी को उसकी योग्यता और प्रदर्शन के आधार पर पहचान मिल सके। मैं, निर्मला दीदी के सम्मान और हर खिलाड़ी के अधिकार के लिए खड़ी हूं। मैं सरकार, खेल मंत्रालय और सभी जिम्मेदार अधिकारियों से आग्रह करती हूं कि इस मामले का तुरंत संज्ञान लिया जाए और उनको न्याय दिलाने के लिए ठोस कार्रवाई की जाए।"

निर्मल हरियाणा पुलिस में इंस्पेक्टर हैं और वर्तमान में करनाल के मधुबन में तैनात हैं। उनके अनुसार, उन्हें 30 नवंबर को प्रतियोगिता के लिए निमंत्रण मिला था, लेकिन आयोजकों ने जिला स्तर की प्रतियोगिता में हिस्सा न लेने का हवाला देते हुए उन्हें अयोग्य करार दिया।

--आईएएनएस

आरएसजी/डीएससी

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