फर्जी डिग्री से बन गई 'स्त्री रोग विशेषज्ञ'... दिल्ली की 12वीं पास फर्जी महिला डॉक्टर के कारनामे सुन सिर पकड़ लेंगे

लगभग 9 साल से फरार चल रही एक फर्जी महिला डॉक्टर को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया है। महिला पर आरोप है कि उसने जाली मेडिकल दस्तावेजों के जरिए फर्जी BAMS (बैचलर ऑफ ऑयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी) डिग्री हासिल की और उसी आधार पर अपना क्लिनिक खोलकर मरीजों का इलाज किया। कोर्ट ने भी उसे भगोड़ा घोषित कर रखा था। क्राइम ब्रांच के डीसीपी आदित्य गौतम के मुताबिक, मामला विकास नगर निवासी रमेश कुमार की शिकायत पर दर्ज हुआ था। शिकायत में बताया गया कि 2009 में रमेश की गर्भवती पत्नी पेट दर्द की शिकायत लेकर महिला डॉक्टर के क्लिनिक गई थी। डॉक्टर ने उन्हें दवा दी और छुट्टी कर दी, लेकिन दर्द खत्म नहीं हुआ। फिर से क्लिनिक पहुंचने पर महिला डॉक्टर ने सुझाव दिया कि सर्जरी करनी होगी। रमेश की पत्नी की सर्जरी कर दी गई, लेकिन कुछ दिनों बाद उनकी तबियत बिगड़ गई और इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
जाली डिग्री और फर्जी क्लिनिक का खुलासा
जांच में पुलिस ने पाया कि महिला डॉक्टर के पास वैध डिग्री नहीं थी। उसने बिहार से फर्जी BAMS की डिग्री हासिल की थी। इसके आधार पर वह विकास नगर के रणहौला इलाके में अपना क्लिनिक चला रही थी। मामले में पुलिस ने महिला के खिलाफ केस दर्ज किया था, लेकिन वह गिरफ्तारी से बचती रही। 2016 में अदालत ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया था।
गिरफ्तारी की पूरी कहानी
पुलिस ने आरोपी महिला की तलाश शुरू की और सूचना के आधार पर ग्रेटर कैलाश-II में छापा मारा। वहां महिला को गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में उसने बताया कि साल 2005-06 में वह उत्तम नगर में एक डॉक्टर के क्लिनिक में असिस्टेंट के रूप में काम करती थी। इसी दौरान उसने बेसिक इलाज के बारे में सीखा और अपना खुद का क्लिनिक खोलने का फैसला किया। इसके लिए उसने बिहार से जाली BAMS डिग्री प्राप्त की और 2008 में अपना क्लिनिक शुरू किया, जहां वह मुख्य रूप से स्त्री रोग संबंधी मरीजों का इलाज करती थी।
केवल 12वीं पास है आरोपी महिला
पुलिस के अनुसार, महिला की पढ़ाई केवल 12वीं तक है। बावजूद इसके उसने फर्जी मेडिकल डॉक्यूमेंट बनाकर मेडिकल क्षेत्र में खुद को डॉक्टर बताना शुरू किया। 2009 में उसने गलत तरीके से एक गर्भवती महिला का ऑपरेशन किया, जिससे महिला की मौत हो गई। इसके बाद से वह लगातार अपना ठिकाना बदलती रही। फिलहाल वह ग्रेटर कैलाश-II में एक सीनियर सिटीजन के घर में केयरटेक्टर के तौर पर काम कर रही थी, जहां पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया।
अब होगी कानूनी कार्रवाई
पुलिस ने आरोपी महिला को गिरफ्तार कर अदालत में पेश कर दिया है। इसके बाद केस की जांच और आगे की कार्रवाई तेज कर दी गई है। इस घटना से मेडिकल क्षेत्र में जाली डिग्री और फर्जी डॉक्टरों की गंभीर समस्या एक बार फिर उजागर हुई है। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे इलाज कराने से पहले डॉक्टर की वैधता जरूर जांच लें ताकि इस तरह के धोखाधड़ी के शिकार न बनें। यह मामला चिकित्सा क्षेत्र में सुरक्षा और विश्वास की आवश्यकता को रेखांकित करता है, साथ ही फर्जी डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की जरूरत को भी सामने लाता है।