बुजुर्ग को हनीट्रैप में फंसाकर ठगे लाखों रुपए, गैंग की मास्टरमाइंड की प्रोफाइल से खुल गई पोल
राजस्थान के सीकर जिले में धोद थाना पुलिस ने एक बड़े हनीट्रैप गिरोह का पर्दाफाश करते हुए उसकी मास्टरमाइंड महिला रेणुका चौधरी और उसकी एक सहयोगी को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई एक बुजुर्ग पीड़ित की शिकायत के बाद की गई, जिनसे लाखों रुपये की ठगी की गई थी। यह घटना सोशल मीडिया के माध्यम से होने वाले अपराधों की एक गंभीर तस्वीर पेश करती है।
फेसबुक पर दोस्ती से शुरू हुआ जाल
डीएसपी सुरेश कुमार ने बताया कि पीड़ित बुजुर्ग ने 30 अगस्त को धोद पुलिस थाने में एक रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट के अनुसार, पीड़ित की फेसबुक पर रेणुका चौधरी नाम की महिला से जान-पहचान हुई थी। दोस्ती के बाद रेणुका ने कई बार वीडियो कॉल किए और धीरे-धीरे पीड़ित का विश्वास जीत लिया। इस दौरान, रेणुका अपनी परिचित सुबिता की बेटी की इंस्टाग्राम आईडी का भी इस्तेमाल करती थी ताकि पीड़ित को यह लगे कि वह एक बड़े सोशल सर्कल से जुड़ी हुई है।
फार्महाउस पर ब्लैकमेलिंग का खेल
शिकायतकर्ता ने बताया कि रेणुका के कहने पर उसकी सहयोगी सुबिता ने अपनी बेटी को उनके फार्महाउस पर भेजा। कुछ ही देर बाद, रेणुका अपने साथियों के साथ वहाँ पहुँच गई और उन्होंने पीड़ित पर रेप का झूठा आरोप लगाया। आरोपियों ने पीड़ित को रेप केस में फंसाने की धमकी देकर ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया।
इस धमकी के दबाव में, पीड़ित को अपनी सोने की अंगूठी, चेन और 25 हजार रुपये नकद देने पड़े। इसके बाद भी ब्लैकमेलिंग जारी रही, और आरोपियों ने स्टांप पेपर पर लिखवाकर पीड़ित के खाते से अपने खाते में 12.90 लाख रुपये भी ट्रांसफर करवा लिए।
फेसबुक लाइव का सहारा
गिरफ्तारी से ठीक एक दिन पहले, रेणुका चौधरी ने फेसबुक पर लाइव आकर एक चौंकाने वाला दावा किया। उसने कहा कि सीकर के मजीपुरा के एक फार्महाउस पर एक बड़ा सेक्स रैकेट चल रहा है, जिसमें कई बड़े नेता भी शामिल हैं। यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया और इसे 40 हजार से ज्यादा बार देखा गया।
पुलिस जांच में सामने आया कि रेणुका का आपराधिक रिकॉर्ड रहा है। वह पहले भी लक्ष्मणगढ़ के एक डॉक्टर को इसी तरह के हनीट्रैप में फंसा चुकी है, और वह मामला अभी भी कोर्ट में लंबित है। यह दिखाता है कि यह गिरोह कितना संगठित और शातिर था।
पुलिस की कार्रवाई और संदेश
पुलिस ने आरोपित महिलाओं को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहाँ से उन्हें जेल भेज दिया गया है। रेणुका चौधरी के बैंक खाते को भी फ्रीज कर दिया गया है ताकि ठगी गई राशि को बरामद किया जा सके। पुलिस अब इस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है।
यह घटना सोशल मीडिया पर लोगों के लिए एक बड़ी चेतावनी है। आजकल, साइबर अपराधी और हनीट्रैप गिरोह लोगों को फंसाने के लिए सोशल मीडिया का जमकर इस्तेमाल कर रहे हैं। इस तरह की धोखाधड़ी से बचने के लिए लोगों को अनजान व्यक्तियों से ऑनलाइन दोस्ती करते समय अत्यधिक सतर्क रहना चाहिए।

