डॉक्टर की सलाह के बिना दवा लेना खतरनाक, एंटीबायोटिक्स किडनी को पहुंचा सकती हैं नुकसान
नई दिल्ली, 28 दिसंबर (आईएएनएस)। अक्सर लोग बीमार पड़ते ही दवा लेने लगते हैं। थोड़ी खांसी, हल्का बुखार या सर्दी-जुकाम होते ही लोग सीधे मेडिकल स्टोर जाकर एंटीबायोटिक्स खरीद लेते हैं, लेकिन ये आदत हमारी किडनी के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। किडनी रोग विशेषज्ञों का कहना है कि ये एंटीबायोटिक्स सिर्फ बैक्टीरियल इन्फेक्शन को ठीक करने के लिए बनाई गई दवाएं हैं, न कि हर छोटी बीमारी के इलाज के लिए।
इनका सेवन करना किडनी पर भारी असर डाल सकता है और कई बार हमारी सेहत के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है।
एंटीबायोटिक्स का सबसे बड़ा खतरा यह है कि कई लोग इसे वायरल इंफेक्शन या सर्दी-जुकाम जैसे मामूली मामलों में भी इस्तेमाल कर लेते हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि वायरल इंफेक्शन में हमारा शरीर खुद ही 3 से 5 दिन में वायरस से लड़कर ठीक हो जाता है। ऐसे में बिना जरूरत एंटीबायोटिक्स लेने से न सिर्फ दवा बेअसर हो सकती है, बल्कि किडनी और शरीर की अन्य प्रणालियों पर गंभीर असर पड़ सकता है।
एंटीबायोटिक्स सिर्फ और सिर्फ तब ली जानी चाहिए जब डॉक्टर इसे आवश्यक मानें। खुद से दवा लेना, चाहे कितनी भी मामूली बीमारी हो, सही नहीं है। बार-बार बिना जरूरत एंटीबायोटिक्स लेने से शरीर के बैक्टीरिया इनके खिलाफ खुद को ढाल लेते हैं। यही वजह है कि समय के साथ ये दवाएं शरीर पर कोई असर नहीं करतीं। इसके अलावा, किडनी पर दबाव बढ़ता है और लंबे समय में यह गंभीर रोगों का कारण बन सकता है।
सिर्फ किडनी ही नहीं, एंटीबायोटिक्स के गलत इस्तेमाल से एलर्जी, दस्त, पेट की परेशानी और शरीर में अच्छे बैक्टीरिया का खत्म होना जैसी कई तरह की समस्याएं भी पैदा हो सकती हैं। इसका असर सीधे हमारी इम्यूनिटी और स्वास्थ्य पर पड़ता है।
वायरल इन्फेक्शन और सर्दी-जुकाम के दौरान कुछ घरेलू उपाय एंटीबायोटिक्स से बेहतर और सुरक्षित रहते हैं, जैसे गरारे करना, भाप लेना, पर्याप्त पानी पीना और आराम करना। ये तरीके शरीर को रोगों से लड़ने में मदद करते हैं और किडनी पर कोई दुष्प्रभाव नहीं डालते।
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