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धनबाद: केंदुआडीह में जहरीली गैस रिसाव, दो महिलाओं ने तोड़ा दम, खाली कराया जा रहा इलाका

धनबाद, 4 दिसंबर (आईएएनएस)। झारखंड के धनबाद में केंदुआडीह थाना स्थित बंद कोयला खदान में भूमिगत आग एवं भू-धंसान की वजह से दो दिनों से निकल रही जहरीली गैस की चपेट में आकर दो महिलाओं की मौत हो गई है, जबकि करीब 20 लोग बीमार होकर अस्पताल या डॉक्टरों के पास पहुंचे हैं।
धनबाद: केंदुआडीह में जहरीली गैस रिसाव, दो महिलाओं ने तोड़ा दम, खाली कराया जा रहा इलाका

धनबाद, 4 दिसंबर (आईएएनएस)। झारखंड के धनबाद में केंदुआडीह थाना स्थित बंद कोयला खदान में भूमिगत आग एवं भू-धंसान की वजह से दो दिनों से निकल रही जहरीली गैस की चपेट में आकर दो महिलाओं की मौत हो गई है, जबकि करीब 20 लोग बीमार होकर अस्पताल या डॉक्टरों के पास पहुंचे हैं।

गैस रिसाव से केंदुआडीह की राजपूत बस्ती, मस्जिद मोहल्ला, ऑफिसर कॉलोनी और आसपास रहने वाली करीब 10 हजार की आबादी प्रभावित हुई है। स्थिति बिगड़ने के बाद कई परिवारों ने घर और क्वार्टर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर शरण ली है। इस इलाके में कोयला खनन करने वाली कंपनी भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) की ओर से लोगों से घर खाली करने की अपील की जा रही है। कंपनी की ओर से दो स्थानों पर टेंट लगाकर प्रभावित परिवारों के लिए अस्थायी कैंप बनाया गया है।

क्षेत्र के चिल्ड्रन पार्क के निकट बंद पड़ी खदान से बुधवार को जहरीली गैस निकलनी शुरू हो गई। लोगों ने आंखों में तेज जलन और सांस लेने में परेशानी की शिकायतें कीं। इसके बाद कई लोग अस्पताल पहुंचे। बुधवार शाम यहां रहने वाली प्रियंका देवी की मौत हो गई, जबकि गुरुवार को ललिता देवी ने दम तोड़ दिया।

आशंका है कि भूमिगत कोलियरी से निकल रही कार्बन मोनोऑक्साइड जैसी जहरीली गैस से ये मौतें हुई हैं। हालांकि, स्पष्ट कारण पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल सकेगा। गैस रिसाव को बीसीसीएल प्रबंधन की लापरवाही करार देते हुए गुरुवार को स्थानीय लोग सड़क पर उतर आए। उन्होंने धनबाद-रांची मुख्य मार्ग को अवरुद्ध कर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर टायर जलाकर जिला प्रशासन और बीसीसीएल प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की।

आंदोलनकारियों का कहना है कि जब तक प्रभावित परिवारों को सुरक्षित जगह पर पुनर्वास और उचित मुआवजा नहीं मिलता, जाम जारी रहेगा।

बीसीसीएल के प्रोजेक्ट ऑफिसर लखन लाल वर्णवाल ने बताया कि लगभग 15 वर्षों से बंद पड़ी कोलियरी में गैस दबाव के साथ जमा थी, जो अब दरारों से बाहर निकल रही है। इसका प्रभाव लगभग 400 फीट क्षेत्र में देखा जा रहा है।

पुटकी-बलिहाटी कोलियरी क्षेत्र के महाप्रबंधक जीसी साहा ने कहा कि यह इलाका पहले से ही अग्नि प्रभावित घोषित है और स्थायी समाधान तभी संभव है जब पूरा क्षेत्र खाली कराया जाए। फिलहाल, प्रभावितों के सुरक्षित स्थानांतरण की प्रक्रिया जारी है।

--आईएएनएस

एसएनसी/डीकेपी

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