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धनबाद: जहरीली गैस के रिसाव से एक और की गई जान, एक माह में तीन मौतें

धनबाद, 30 दिसंबर (आईएएनएस)। झारखंड के धनबाद जिले के केंदुआडीह थाना क्षेत्र में बंद कोयला खदानों से हो रहे जहरीली गैस रिसाव का खतरा थमने का नाम नहीं ले रहा है। अग्नि और भू-धंसान से प्रभावित इस इलाके में कार्बन मोनोऑक्साइड जैसी जहरीली गैस के लगातार रिसाव के बीच एक और व्यक्ति की मौत हो गई है।
धनबाद: जहरीली गैस के रिसाव से एक और की गई जान, एक माह में तीन मौतें

धनबाद, 30 दिसंबर (आईएएनएस)। झारखंड के धनबाद जिले के केंदुआडीह थाना क्षेत्र में बंद कोयला खदानों से हो रहे जहरीली गैस रिसाव का खतरा थमने का नाम नहीं ले रहा है। अग्नि और भू-धंसान से प्रभावित इस इलाके में कार्बन मोनोऑक्साइड जैसी जहरीली गैस के लगातार रिसाव के बीच एक और व्यक्ति की मौत हो गई है।

मृतक की पहचान नया धौड़ा निवासी 40 वर्षीय सुरेंद्र सिंह के रूप में की गई है। आशंका जताई जा रही है कि उनकी मौत जहरीली गैस की चपेट में आने से हुई है, हालांकि वास्तविक कारणों का खुलासा पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही हो सकेगा।

जानकारी के अनुसार, सुरेंद्र सिंह सोमवार रात अपने कमरे में सोए हुए थे। मंगलवार सुबह परिजनों ने उन्हें अचेत अवस्था में पाया, जिसके बाद उन्हें तत्काल शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसएनएमएमसीएच) ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। सुरेंद्र सिंह जनता मजदूर संघ के सदस्य रहे हैं। उनकी मौत के बाद इलाके में दहशत का माहौल है।

इससे पहले, इसी महीने की शुरुआत में केंदुआडीह क्षेत्र में जहरीली गैस रिसाव की चपेट में आकर दो महिलाओं की मौत हो चुकी है। 4 दिसंबर को बंद पड़ी कोयला खदान से गैस निकलने के बाद प्रियंका देवी और ललिता देवी की जान चली गई थी, जबकि करीब 20 लोग बीमार होकर अस्पताल पहुंचे थे। उस दौरान लोगों ने आंखों में जलन, सांस लेने में दिक्कत और घबराहट की शिकायत की थी।

गैस रिसाव से केंदुआडीह की राजपूत बस्ती, मस्जिद मोहल्ला, ऑफिसर कॉलोनी समेत आसपास के इलाके गंभीर रूप से प्रभावित हुए हैं, जहां करीब 10 हजार की आबादी निवास करती है। हालात बिगड़ने के बाद बड़ी संख्या में लोगों ने अपने घर और क्वार्टर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर शरण ली थी। कोयला खनन कंपनी भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) की ओर से माइकिंग कर लोगों से क्षेत्र खाली करने की अपील की गई थी और प्रभावित परिवारों के लिए अस्थायी कैंप भी लगाए गए थे।

बीसीसीएल अधिकारियों के अनुसार, यह क्षेत्र पहले से ही अग्नि प्रभावित घोषित है और स्थायी समाधान के लिए पूरे इलाके को खाली कराना आवश्यक बताया गया है। इसके बावजूद, स्थानीय लोगों का आरोप है कि गैस रिसाव रोकने के लिए किए जा रहे उपाय नाकाफी हैं।

सुरेंद्र सिंह की मौत की सूचना मिलने पर झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह एसएनएमएमसीएच पहुंचे और परिजनों से मुलाकात कर संवेदना व्यक्त की। उन्होंने बीसीसीएल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि केंदुआडीह में गैस रिसाव की समस्या वर्षों पुरानी है, लेकिन इसे रोकने के लिए केवल कागजी कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रबंधन और प्रशासन की लापरवाही के कारण निर्दोष लोगों की जान जा रही है। लोग सुरक्षित पुनर्वास, मुआवजा और गैस रिसाव पर प्रभावी नियंत्रण की मांग कर रहे हैं।

--आईएएनएस

एसएनसी/पीएसके

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