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'देश और प्रदेश की सुरक्षा से बढ़कर कुछ नहीं', मदरसा शिक्षकों से जुड़ा बिल वापस लिए जाने पर मौलाना

मुरादाबाद/अलीगढ़, 23 दिसंबर (आईएएनएस)। मदरसा शिक्षकों को असीमित शक्तियां प्रदान करने वाले विधेयक को वापस लेने के उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले का मौलाना चौधरी इरफान हुसैन और सूफी फाउंडेशन के प्रमुख मौलाना कशिश वारसी ने स्वागत किया है।
'देश और प्रदेश की सुरक्षा से बढ़कर कुछ नहीं', मदरसा शिक्षकों से जुड़ा बिल वापस लिए जाने पर मौलाना

मुरादाबाद/अलीगढ़, 23 दिसंबर (आईएएनएस)। मदरसा शिक्षकों को असीमित शक्तियां प्रदान करने वाले विधेयक को वापस लेने के उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले का मौलाना चौधरी इरफान हुसैन और सूफी फाउंडेशन के प्रमुख मौलाना कशिश वारसी ने स्वागत किया है।

अलीगढ़ के मौलाना चौधरी इरफान हुसैन ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि असीमित अधिकार देना या विशेष दर्जा देना समाज की तरक्की के लिए बेहतर हो सकता है, लेकिन जब इसका दुरुपयोग होने लगे, पारदर्शिता न हो और इसके संचालक तानाशाही रवैया अपनाने लगें, तो यह समाज के लिए बड़ा खतरा बन जाता है।

उन्होंने कहा कि जो अधिकार सरकार और संविधान के माध्यम से लोगों को मिलने चाहिए, वे कुछ लोगों की वजह से नहीं मिल पाते। कुछ लोग माफियागिरी और भ्रष्टाचार करके इन अधिकारों का दुरुपयोग करते हैं, खुद अमीर बनते हैं और मिलने वाले लाभ का व्यक्तिगत इस्तेमाल कर लेते हैं।

मौलाना चौधरी इरफान हुसैन ने कहा कि सरकार ने यह दर्जा वापस लिया है और सभी को समान करने का विधेयक बनाया है। यह एक स्वागतयोग्य कदम है। मैं इसका समर्थन करता हूं।

उन्होंने कहा कि यह विधेयक अखिलेश यादव की सरकार में पास किया गया था, जो तानाशाही से भरा हुआ था। यह इस्लाम के भी खिलाफ था कि किसी एक व्यक्ति को इतनी ताकत दे दी जाए कि उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी न हो सके और उसकी कोई जवाबदेही ही न हो। ऐसा कैसा कानून?

सूफी फाउंडेशन के प्रमुख मौलाना कशिश वारसी ने कहा कि दिल्ली बम ब्लास्ट में सम्मानित पेशेवर डॉक्टरों के नाम सामने आने के बाद लाजमी है कि देश और प्रदेश की सरकारें चिंतित हो गई हैं। साफ-सुथरे और सम्मानित पेशों से जुड़े लोग इसमें शामिल थे, जो अफसोसनाक है।

उन्होंने कहा कि देश और प्रदेश की सुरक्षा से बढ़कर कुछ नहीं होता। अगर मामला राष्ट्रवाद से जुड़ा हो और किसी मदरसे के शिक्षक, सरकारी कर्मचारी या मस्जिद के इमाम के खिलाफ सरकार कोई कदम उठाती है या कोई विधेयक लाती है, तो इस पर कोई एतराज नहीं होना चाहिए और न ही राजनीति होनी चाहिए। सरकार के अच्छे कामों की सराहना होनी चाहिए।

उन्होंने यह भी कहा कि मैं सरकार द्वारा रद्द किए गए विधेयक को वापस लेने के फैसले के समर्थन में हूं। जिस विधेयक को सरकार ने रद्द किया है, उसके बारे में लोगों को पूरी जानकारी भी जुटानी चाहिए और किसी के बहकावे में नहीं आना चाहिए।

--आईएएनएस

एएमटी/डीएससी

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