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मशीन में ऊपर से रुपये जमा करते... नीचे से निकाल लेते, कानपुर में एक महीने में 1.39 करोड़ का खेल 

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कानपुर, उत्तर प्रदेश: किदवई नगर थाना क्षेत्र में स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा के एटीएम की कैश रीसायकल मशीन (सीआरएम) से करोड़ों की चोरी करने वाले गिरोह का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। पुलिस ने इस हाई-प्रोफाइल मामले में कंपनी के कस्टोडियन सहित पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जिन्होंने 21 मार्च से 24 अप्रैल 2025 के बीच एटीएम मशीन से कुल 1 करोड़ 39 लाख रुपए गायब किए थे।

इस बड़ी धोखाधड़ी की शिकायत हिताची कंपनी के मैनेजर घनश्याम ओमर ने दर्ज कराई थी, जो इस बैंक में नगदी जमा करने का काम करती है। रिपोर्ट मिलने के बाद किदवई नगर पुलिस ने गंभीरता से जांच शुरू की और एटीएम की सीसीटीवी फुटेज खंगालते हुए आरोपियों तक पहुंच बनाई।

फुटेज से मिली अहम सुराग, कस्टोडियन से शुरू हुई गिरफ़्तारी

जांच के दौरान पुलिस को सबसे पहले शक कंपनी के कस्टोडियन दीपक जायसवाल पर हुआ, जो मशीन में कैश लोड करने की जिम्मेदारी संभालता था। एटीएम की फुटेज में दीपक संदिग्ध गतिविधियों में दिखाई दिया। हिरासत में लेकर जब उससे सख्ती से पूछताछ की गई, तो उसने अपने साथियों के नाम उगल दिए।

दीपक ने बताया कि इस योजना में विपिन दीक्षित, आशीष त्रिपाठी, और दो सगे भाई अंकित और आशीष शामिल थे। सभी आरोपियों को कानपुर पुलिस ने छापेमारी कर गिरफ्तार कर लिया। डीसीपी साउथ दीपेन्द्र नाथ चौधरी ने इस खुलासे के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मामले की जानकारी साझा की।

चोरी के पैसों से खरीदे गए गहने और नकदी बरामद

पुलिस ने आरोपियों के पास से अब तक कुल 38 लाख रुपये नकद, और सोने की चेन बरामद की है, जो चोरी के पैसे से खरीदी गई थी। शुरुआत में पुलिस को आरोपियों के पास से 16 लाख रुपये की नकदी मिली थी। बाद में सभी को रिमांड पर लेकर पूछताछ की गई, जिसमें 11 लाख 80 हजार रुपये और बरामद किए गए। साथ ही एटीएम से निकाले गए पैसों से खरीदे गए सोने के आभूषण भी पुलिस के हाथ लगे।

तकनीक का दुरुपयोग कर की गई थी हेराफेरी

यह घटना इसलिए भी चौंकाने वाली है क्योंकि इसमें एटीएम मशीन की तकनीकी समझ रखने वाले ही शामिल थे। कस्टोडियन दीपक और उसके साथियों ने एटीएम मशीन की प्रक्रिया में गड़बड़ी कर कैश को सिस्टम में जमा दिखाया, लेकिन असल में पैसे निकालकर अपने पास रख लिए। डीसीपी दीपेन्द्र चौधरी ने बताया कि बाकी बचे रुपयों की तलाश की जा रही है और मामले में और भी खुलासे संभव हैं। पुलिस की टीम अन्य संपत्तियों और निवेशों की जांच में जुटी है, जो इन पैसों से किए गए हो सकते हैं।

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