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"दानवीर या धोखेबाज़? 260 केसों में वांटेड चोर की अजब कहानी जानकर आप भी बन जाएंगे इसके फैन, जानें पूरा मामला

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अपराध की दुनिया में ऐसे कई चेहरे सामने आते हैं जो पुलिस से बचने के लिए अजीबो-गरीब तरीके अपनाते हैं, लेकिन कर्नाटक के कलबुर्गी में पकड़ा गया एक चोर न केवल चोरी करता था, बल्कि भगवान को खुश करने के लिए मंदिरों में लाखों का दान भी करता था। उसका विश्वास था कि भगवान की कृपा उसे पुलिस से बचाए रखेगी—पर आखिरकार उसकी ‘ईश्वरीय सुरक्षा’ नाकाम हो गई।

भगवान को चढ़ाया चोरी का सोना

पुलिस की गिरफ्त में आए शिवप्रसाद नामक इस चोर के पास से 412 ग्राम सोना बरामद हुआ, जिसकी कीमत करीब 30 लाख रुपये बताई जा रही है। हैरानी की बात यह रही कि यह सारा सोना शिवप्रसाद ने मंदिरों में दान कर दिया था। उसका तर्क था कि पुण्य करने से उसे चोरी के पाप से मुक्ति मिल जाएगी।

260 केसों में वांटेड, फिर भी मेलों और मंदिरों में बना रहा दानवीर

शिवप्रसाद पर 260 से ज्यादा आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। वह चोरी के बाद भंडारे करवाता, अस्पतालों में फल और दवाइयां बांटता, और मंदिरों में हजारों की संख्या में अन्नदान कराता था। इतना ही नहीं, महाराष्ट्र के एक प्रसिद्ध मंदिर को उसने 5 लाख रुपये का सीधा दान भी दिया।

फिंगरप्रिंट से बचने के लिए इस्तेमाल करता था फेविक्विक

इस चोर की योजना इतनी 'स्मार्ट' थी कि चोरी करते वक्त वह अपनी उंगलियों पर फेविक्विक या सुपरग्लू लगा लेता था ताकि फिंगरप्रिंट न छोड़े। उसकी यह तकनीक और धार्मिक आड़ ने उसे लंबे समय तक पुलिस की पकड़ से बाहर रखा।

पुलिस भी रह गई हैरान

कलबुर्गी के पुलिस कमिश्नर डॉ. शरणप्पा एस.डी. ने बताया कि शिवप्रसाद अमीर घरों को टारगेट करता था और फिर चोरी के सामान से गरीबों, बीमारों और भक्तों के बीच "पुण्य का कारोबार" करता था। पुलिस के अनुसार, यह शायद देश का पहला मामला है जहां चोर ने धर्म और दान को अपनी सुरक्षा कवच की तरह इस्तेमाल किया।

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