फंदे से लटका मिला दिल्ली की सॉफ्टवेयर इंजीनियर का शव, 5 दिन पहले ही पलामू के शख्स से हुई थी शादी

दिल्ली में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में काम करने वाली ऋषिका सिन्हा उर्फ मीना की मौत ने सबको झकझोर कर रख दिया है। ऋषिका का शव झारखंड के पलामू जिले में स्थित उनके ससुराल में फंदे से लटका हुआ पाया गया, जिससे इलाके में सनसनी फैल गई है। यह घटना जितनी दर्दनाक है, उतनी ही संदिग्ध भी। मृतका के परिजनों ने इसे हत्या करार देते हुए ससुराल पक्ष पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
पांच दिन पहले ही हुई थी शादी
ऋषिका की शादी 17 मई को पलामू के धंगरडीहा गांव निवासी अनुज कुमार सिन्हा से हुई थी। अनुज जबलपुर की ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में सरकारी कर्मचारी है, जबकि ऋषिका दिल्ली की एक प्रतिष्ठित कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के पद पर कार्यरत थीं। शादी के महज पांच दिन बाद ही ऋषिका की मौत की खबर आई, जिसने उसके मायकेवालों को गहरे सदमे में डाल दिया है।
शव पंखे से लटका मिला, आत्महत्या या हत्या?
ससुराल पक्ष की ओर से गुरुवार रात सूचना दी गई कि ऋषिका ने आत्महत्या कर ली है और उसका शव कमरे में पंखे से दुपट्टे के सहारे लटका हुआ मिला। शुक्रवार को ऋषिका के पिता महेंद्र प्रसाद को यह जानकारी मिली, जिसके बाद वे तुरंत अपने परिवार के साथ पलामू पहुंचे। उनका आरोप है कि इस आत्महत्या की कहानी एक सुनियोजित हत्या को छिपाने की कोशिश है।
दहेज की मांग और प्रताड़ना का आरोप
महेंद्र प्रसाद ने नावाजयपुर थाने में एफआईआर दर्ज कराई है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि शादी के अगले ही दिन से ऋषिका को दहेज के लिए प्रताड़ित किया जा रहा था। उन्होंने बताया कि शादी में उन्होंने वर पक्ष को करीब पांच लाख रुपये के उपहार दिए थे, बावजूद इसके ऋषिका पर दहेज लाने का दबाव बनाया जा रहा था। वे अपनी बेटी को ससुराल से वापस मायके लाने की तैयारी ही कर रहे थे कि उसकी मौत की सूचना मिली।
पति सहित सात लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर
एफआईआर में पति अनुज कुमार सिन्हा, उसके पिता अलख निरंजन प्रसाद, मां सरस्वती देवी, और देवर अविनाश, अनूप, आनंद और अनुराग कुमार सिन्हा को नामजद आरोपी बनाया गया है। आरोप है कि सभी ने मिलकर ऋषिका को शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया, जो उसकी मौत का कारण बना।
पुलिस जांच में जुटी, पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार
नावाजयपुर थाना प्रभारी कमल किशोर पांडेय ने बताया कि शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेजा गया है। सदर एसडीपीओ मणिभूषण प्रसाद के अनुसार, पुलिस सभी एंगल्स से जांच कर रही है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
परिवार न्याय की मांग कर रहा
ऋषिका की असमय मौत ने उसके परिवार को तोड़कर रख दिया है। उनके पिता ने कहा है कि उन्हें पूरे मामले की निष्पक्ष जांच चाहिए और दोषियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए, ताकि भविष्य में कोई और बेटी इस तरह की बर्बरता का शिकार न हो।
यह मामला फिर से दहेज प्रथा और महिला सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े करता है। कानून और समाज दोनों से यह उम्मीद की जा रही है कि पीड़िता को न्याय जरूर मिलेगा।