दिल्ली: दूसरे डब्ल्यूएचओ शिखर सम्मेलन में 'आयुष एक्सपो' बनेगा वैश्विक पारंपरिक चिकित्सा संवाद का केंद्र
नई दिल्ली, 16 दिसंबर (आईएएनएस)। भारत सरकार का आयुष मंत्रालय, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के सहयोग से दूसरी डब्ल्यूएचओ ग्लोबल ट्रेडिशनल मेडिसिन समिट (जीटीएमसी) के एक प्रमुख कार्यक्रम के रूप में आयुष एक्सपो का आयोजन करेगा। यह कार्यक्रम 17 से 19 दिसंबर तक दिल्ली स्थित भारत मंडपम में आयोजित किया जाएगा।
आयुष मंत्रालय की तरफ से बताया गया कि यह एक्सपो शिखर सम्मेलन के एक प्रमुख मंच के रूप में स्थापित है, जो भारत की आयुष प्रणालियों और विश्व भर की पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को एक साथ लाता है। इसका उद्देश्य वैज्ञानिक आदान-प्रदान, नीतिगत संवाद और नवाचार को बढ़ावा देना है, जो वैश्विक स्वास्थ्य प्रणालियों के भीतर पारंपरिक चिकित्सा के लिए साक्ष्य-आधारित, सुरक्षित और समावेशी दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने के शिखर सम्मेलन के व्यापक उद्देश्य के अनुरूप है।
आयुष एक्सपो आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध, सोवा-रिग्पा और होम्योपैथी का एक व्यापक और सुनियोजित प्रदर्शन प्रस्तुत करेगा, जिसमें आकर्षक प्रदर्शनियों, वैज्ञानिक व्याख्याओं और डिजिटल इंटरफेस का उपयोग किया जाएगा। इस प्रदर्शनी का उद्देश्य भारत की पारंपरिक ज्ञान प्रणालियों को समकालीन सार्वजनिक स्वास्थ्य प्राथमिकताओं के अनुरूप वैश्विक स्तर पर प्रासंगिक कथाओं में रूपांतरित करना है।
आयुर्वेद शिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान (आईटीआरए) की निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) तनुजा मनोज नेसारी ने कहा, “विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के वैश्विक पारंपरिक चिकित्सा शिखर सम्मेलन में आयुष एक्सपो का उद्देश्य भारत की पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों को वैज्ञानिक आधार पर और वैश्विक स्तर पर प्रासंगिक तरीके से प्रस्तुत करना है। शास्त्रीय ज्ञान, साक्ष्य-आधारित पद्धतियों और उभरती प्रौद्योगिकियों को एक मंच पर लाकर, यह एक्सपो सार्थक संवाद को बढ़ावा देने, अनुसंधान सहयोग को मजबूत करने और समकालीन स्वास्थ्य प्रणालियों में पारंपरिक चिकित्सा के जिम्मेदार एकीकरण का समर्थन करने का प्रयास करता है।”
प्रमुख आकर्षणों में औषधीय पौधे और बीज शामिल हैं, जिनमें लगभग 40 जीवित औषधीय पौधे और दुर्लभ बीज प्रदर्शित किए गए हैं, जो भारत की वानस्पतिक विरासत और पारंपरिक चिकित्सा के पारिस्थितिक आधारों को उजागर करते हैं। मंडप में आमतौर पर इस्तेमाल होने वाली पाक जड़ी-बूटियों के वैज्ञानिक आधार और निवारक स्वास्थ्य में उनकी भूमिका को प्रस्तुत किया जाएगा, जबकि धातु चिकित्सा क्षेत्र में शास्त्रीय शुद्धिकरण विधियों, भस्म तैयार करने की प्रक्रियाओं और सुरक्षा सत्यापन प्रथाओं की व्याख्या की जाएगी।
एक्सपो का एक प्रमुख आकर्षण विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा ग्लोबल ट्रेडिशनल मेडिसिन लाइब्रेरी (जीटीएमएल) का शुभारंभ होगा। एक वैश्विक डिजिटल भंडार के रूप में परिकल्पित, जीटीएमएल विभिन्न क्षेत्रों से पारंपरिक चिकित्सा ज्ञान, डेटा और अनुसंधान साक्ष्यों को एक साथ लाएगा, जिससे वैज्ञानिक सहयोग, साक्ष्य-आधारित नीति निर्माण और पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अधिक पहचान को बढ़ावा मिलेगा।
अधिकारियों ने बताया कि आयुष एक्सपो अपनी वैश्विक स्तर पर एकीकृत संरचना, वैज्ञानिक संकलन, उन्नत डिजिटल तकनीकों के उपयोग और नवाचार एवं जवाबदेही पर विशेष बल देने के कारण विशिष्ट है। भारत की आयुष प्रणालियों और विश्व भर की पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को एक साथ लाकर, यह एक्सपो प्रदर्शित करना चाहता है कि साक्ष्य, नैतिकता और जिम्मेदार शासन द्वारा समर्थित होने पर पारंपरिक ज्ञान समकालीन स्वास्थ्य समाधानों में सार्थक योगदान कैसे दे सकता है।
--आईएएनएस
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