पुलिस बनकर लूट की वारदात: गंजाम में दिनदहाड़े व्यापारियों से लूटे 1 लाख रुपये

बरहामपुर की ओर बाइक से जा रहे दो व्यापारी—ऐमोष पानी और उनके साले दिलराज चिन्चानी—अपना रोज़मर्रा का काम निपटाने निकले थे, लेकिन रास्ते में उन्हें दो ऐसे नकली पुलिसवालों से सामना करना पड़ा, जो असल में लुटेरे निकले। घटना दिगपहांडी इलाके के हनुमान चक चेकगेट के पास हुई। जैसे ही बाइक सवार व्यापारी वहां पहुंचे, दो अजनबी युवक उनके पास आए और खुद को पुलिसकर्मी बताते हुए बोले—"तेज रफ्तार बाइक चला रहे हो, 3,200 रुपये का चालान कटेगा!" जब व्यापारियों ने चालान भरने से मना किया, तो आरोपियों ने चालाकी से दबाव बनाते हुए 1,000 रुपये की मांग की। व्यापारियों ने इसपर भी इंकार कर दिया—और फिर शुरू हुआ असली ड्रामा।
बैग छीना, लाख रुपये लेकर फरार!
बहस बढ़ने पर नकली पुलिसकर्मियों ने दोनों व्यापारियों से मारपीट की और उनके पास से एक लाख रुपये कैश से भरा बैग छीन लिया और मौके से फरार हो गए। पीड़ितों ने उनका पीछा करने की कोशिश की, लेकिन बदमाश काले रंग की बाइक से तेज़ी से भाग निकले।
24 घंटे में गिरफ्तारी, नकदी भी बरामद!
पीड़ितों ने तुरंत दिगपहांडी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए तकनीकी ट्रैकिंग और मुखबिर की सूचना पर आरोपियों को पकड़ लिया। गिरफ्तार आरोपियों के नाम हैं—महेश्वर दलाइ उर्फ जगन (32) और गणेश जेना (35), जो कि तारस गांव के रहने वाले हैं।
उनके पास से बरामद हुआ:
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1 लाख रुपये नकद
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2 मोबाइल फोन
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काली रंग की मोटरसाइकिल
पुलिस ने दोनों को कोर्ट में पेश किया और BNS की धारा 319(2) और 309(6) के तहत मामला दर्ज किया है।
पुलिस की तेज़ कार्रवाई बनी राहत की वजह
इस पूरे मामले में पुलिस की सक्रियता और तत्परता ने पीड़ितों को बड़ा राहत दी, क्योंकि लूटी गई पूरी रकम वापस मिल गई और आरोपी जेल की सलाखों के पीछे पहुंच गए।