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कांग्रेस भगवान श्रीराम और विकसित भारत विरोधी पार्टी: सांसद आदित्य साहू

रांची, 22 दिसंबर (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी की झारखंड प्रदेश इकाई ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए उसे भगवान श्रीराम और विकसित भारत की अवधारणा से विरोध रखने वाली पार्टी करार दिया है।
कांग्रेस भगवान श्रीराम और विकसित भारत विरोधी पार्टी: सांसद आदित्य साहू

रांची, 22 दिसंबर (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी की झारखंड प्रदेश इकाई ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए उसे भगवान श्रीराम और विकसित भारत की अवधारणा से विरोध रखने वाली पार्टी करार दिया है।

पार्टी के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष एवं सांसद आदित्य साहू ने सोमवार को एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी को घुसपैठियों से प्रेम है, लेकिन देश की जनता और उसके विकास से कोई सरोकार नहीं है।

आदित्य साहू ने कहा कि कांग्रेस पार्टी अपने शासनकाल में सैकड़ों योजनाओं के नाम एक ही परिवार के नाम पर रखती रही। उन्होंने आरोप लगाया कि तुष्टीकरण की राजनीति के तहत झारखंड निर्माता अटल बिहारी वाजपेयी के नाम से संचालित क्लीनिक का नाम तक बदल दिया गया।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस की यही मानसिकता उसे आज भी विकसित भारत के संकल्प से दूर रखती है। मोदी सरकार की “जी राम जी योजना” को लेकर कांग्रेस की बयानबाजी पर प्रतिक्रिया देते हुए साहू ने कहा कि यह कांग्रेस की बौखलाहट का परिचायक है।

उन्होंने कहा कि इस योजना का उद्देश्य गरीबों को रोजगार, सम्मान और गरिमा प्रदान करना है तथा विकसित भारत–2047 के राष्ट्रीय विजन के अनुरूप ग्रामीण विकास का नया ढांचा तैयार करना है।

उन्होंने इसे महात्मा गांधी की भावनाओं के अनुरूप रामराज्य की अवधारणा से जुड़ा बताया।

मनरेगा को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि सरकारी आंकड़ों के अनुसार अब तक इस योजना में 11.74 लाख करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं, लेकिन इसका बड़ा हिस्सा घोटालों और बिचौलियों में चला गया।

उन्होंने आरोप लगाया कि मशीनों से काम कराए जाने के कारण गरीबों को वास्तविक लाभ नहीं मिला। नई योजना में रियल-टाइम डेटा, जीपीएस-आधारित निगरानी और पारदर्शी व्यवस्था से घोटालों पर रोक लगेगी।

आदित्य साहू ने कहा कि नई रोजगार योजना किसानों के लिए भी लाभकारी है। फसल बुआई और कटाई के समय मजदूरों की कमी न हो, इसके लिए 60 दिनों तक योजना को स्थगित रखने का प्रावधान किया गया है। साथ ही साप्ताहिक भुगतान, रोजगार न मिलने पर बेरोजगारी भत्ता और केंद्र-राज्य के बीच 60:40 के खर्च अनुपात की व्यवस्था की गई है।

--आईएएनएस

एसएनसी/एमएस

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