कांग्रेस नेता दलवई का भगवद गीता पर दिया गया बयान अनुचित: साजिद रशीदी
नई दिल्ली, 6 दिसंबर (आईएएनएस)। ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी ने कांग्रेस नेता हुसैन दलवई के उस बयान पर पलटवार किया है, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को भगवद गीता की प्रति भेंट किए जाने को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की है। मौलाना साजिद रशीदी ने कांग्रेस नेता दलवई की टिप्पणी को अनुचित और गैर-जरूरी बताया है।
आईएएनएस से बातचीत में रशीदी ने कहा कि आज कांग्रेस के पतन का सबसे बड़ा कारण ऐसे लोग हैं जो “बेतुके और बकवास सवाल” खड़े करते हैं। उन्होंने कहा कि यदि कोई मुस्लिम नेता किसी विदेशी मेहमान को पुस्तक भेंट करेगा, तो स्वाभाविक रूप से वह कुरान देगा, क्योंकि वह अपने धर्म के अनुसार चलता है। उसी तरह एक हिंदू नेता भगवद गीता देगा, इसमें विवाद ढूंढना गलत है।
मौलाना रशीदी ने कहा कि यह अपेक्षित है कि कोई व्यक्ति अपने धार्मिक विश्वास के अनुसार ही धार्मिक ग्रंथ पेश करेगा। जो व्यक्ति धर्म से हिंदू है, उसे स्वाभाविक रूप से भगवद गीता ही दी जाएगी। उसे कुरान में विश्वास नहीं है। यदि मेरी जगह कोई मुस्लिम होता, तो वह कुरान ही देता, जैसा कि मुराना राशिद मंदारी ने कई मौकों पर कुरान भेंट की है। इसलिए किताब व्यक्ति के धर्म के अनुसार दी जाती है।
उन्होंने आगे कहा कि इस तरह के सवाल न सिर्फ अनावश्यक हैं, बल्कि कहीं न कहीं देश को कमजोर करने का काम करते हैं। देश को आगे बढ़ाने में जहां राजनीतिक दलों को रचनात्मक भूमिका निभानी चाहिए, वहीं इस प्रकार के विवाद पैदा करना उचित नहीं है। रशीदी ने कांग्रेस नेतृत्व से अपील की कि वह दलवई की टिप्पणी को गंभीरता से ले और उसका खंडन करे।
मौलाना रशीदी ने तर्क दिया कि यदि इस मुद्दे को विवादित बनाया जाए तो फिर प्रधानमंत्री को गीता के साथ गुरु ग्रंथ साहिब, बाइबिल, जैन धर्मग्रंथ और बौद्ध ग्रंथ भी भेंट करने चाहिए थे। उन्होंने कहा कि धार्मिक पुस्तकों का चयन व्यक्ति की आस्था और पहचान के आधार पर होता है, इसलिए इसे राजनीतिक विवाद का रूप देना बिल्कुल अनुचित है।
--आईएएनएस
एएसएच/डीएससी

