Samachar Nama
×

छत्तीसगढ़ में चोर बना ब्लैकमेलर: दंपती की निजी जिंदगी को बनाया हथियार, मांगे 10 लाख रुपये

dsafd

आमतौर पर चोरी का मतलब होता है सामान चुराना, लेकिन छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने "चोरी और सीना जोरी" की कहावत को एक नई ऊंचाई दे दी है। यह न सिर्फ एक अनोखा चोरी का मामला है, बल्कि ब्लैकमेलिंग और निजी पलों की गोपनीयता से जुड़ा बेहद गंभीर अपराध भी है।

इस घटना में एक ऐसा चोर सामने आया है जो अनपढ़ या लंपट नहीं, बल्कि पढ़ा-लिखा और कभी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर चुका युवक है। अगर उसकी दिशा सही होती, तो शायद वह किसी जिले का बड़ा अफसर होता, लेकिन उसने सिस्टम सुधारने की बजाय सिस्टम को ही लूटने का रास्ता चुना।

निजी पलों की जासूसी

घटना दुर्ग जिले के अहिवारा इलाके की है। एक रात चोरी की नीयत से एक युवक एक घर में घुसा। मकसद था कीमती सामान चुराना। मगर जैसे ही उसे घर का मोबाइल हाथ लगा, उसकी नजर बेडरूम की ओर गई, जहां पति-पत्नी निजी पलों में व्यस्त थे। इसी दौरान उसने मोबाइल फोन पर उनका वीडियो रिकॉर्ड कर लिया। इसके बाद बिना कुछ चुराए वह चुपचाप वहां से निकल गया।

अगले दिन आया ब्लैकमेलिंग वीडियो

सुबह होते ही उस घर की महिला के व्हाट्सएप पर एक अनजान नंबर से वीडियो मैसेज आया। वीडियो देखते ही उनके होश उड़ गए – क्योंकि उसमें उनके अंतरंग पलों की रिकॉर्डिंग थी। महिला ने तुरंत पति को बताया, और दोनों हैरान-परेशान रह गए कि यह वीडियो कब, कैसे और किसने बनाया।

इसी बीच उसी नंबर से एक धमकी भरा मैसेज आया, जिसमें 10 लाख रुपये की मांग की गई। ब्लैकमेलर ने साफ तौर पर लिखा कि यदि पैसे नहीं दिए या पुलिस को जानकारी दी, तो वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया जाएगा।

पुलिस ने ली कमान, चोर पहुंचा सलाखों के पीछे

डरे-सहमे दंपती ने आखिरकार हिम्मत कर पुलिस से संपर्क किया। मामला बेहद संवेदनशील था, लिहाजा पुलिस तुरंत हरकत में आ गई और नंबर ट्रेस कर आरोपी की तलाश शुरू कर दी।

कुछ ही समय में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। चोर की पहचान विनय कुमार साहू के रूप में हुई, जो पहले सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करता था, लेकिन असफल रहने के बाद उसने अपराध की दुनिया की ओर रुख कर लिया। वह अक्सर उन घरों को निशाना बनाता था, जहां रात को लोग अकेले रहते थे।

अपराध की कबूलियत

गिरफ्तारी के बाद विनय ने कबूल किया कि उसने ही दंपती के वीडियो को रिकॉर्ड कर उन्हें ब्लैकमेल किया। पुलिस ने उसके पास से तीन मोबाइल फोन, तीन सिम कार्ड और अन्य डिजिटल उपकरण बरामद किए हैं। पूछताछ में उसने यह भी बताया कि वीडियो भेजने के बाद उसने डर के चलते खुद ही वीडियो डिलीट कर दिया था।

निष्कर्ष

इस मामले ने न सिर्फ गोपनीयता के उल्लंघन और डिजिटल अपराध के खतरों को उजागर किया है, बल्कि यह भी दिखाया कि शिक्षा की सही दिशा न मिलने पर व्यक्ति कैसे अपराध की राह पर चल पड़ता है। फिलहाल आरोपी पुलिस की गिरफ्त में है और आगे की कानूनी कार्रवाई जारी है। पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि यदि कभी ऐसा कोई मामला सामने आए, तो डरें नहीं बल्कि तुरंत कानून की मदद लें।

4o

Share this story

Tags