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हॉर्न बजाने से मना करने पर सिक्योरिटी गार्ड पर चढ़ा दी कार: पैरों में 10 जगह हुए फ्रैक्चर

sdaaf

दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के वसंत कुंज साउथ थाना इलाके में एक बेहद हैरान करने वाली घटना सामने आई है, जहां एक मामूली कहासुनी ने हिंसक रूप ले लिया। थार जीप चला रहे एक युवक ने हॉर्न बजाने से रोकने पर गुस्से में आकर एक शख्स को जीप से कुचल डाला। इस बर्बर हमले में पीड़ित के दोनों पैरों की 10 से ज्यादा जगहों से हड्डियाँ टूट गईं। घटना शनिवार सुबह की है। पीड़ित व्यक्ति की पहचान राजीव कुमार के रूप में हुई है, जो मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं और वर्तमान में अपने परिवार के साथ महिपालपुर, दिल्ली में रहते हैं। वह दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिनल-3 पर गार्ड की नौकरी करते हैं।

घटना का विवरण:

राजीव कुमार ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उनकी रात 10 बजे से सुबह तक की ड्यूटी टर्मिनल-3 पर थी। ड्यूटी खत्म होने के बाद जब वह महिपालपुर चौक के पास कैब से उतरे और घर की ओर पैदल जा रहे थे, तभी एक थार जीप पीछे से तेज हॉर्न बजाती हुई आई। राजीव ने चालक से हॉर्न न बजाने की अपील की। इसी बात पर थार चालक आगबबूला हो गया और उसने राजीव पर जानबूझकर गाड़ी चढ़ा दी।

तेज रफ्तार जीप ने राजीव के दोनों पैरों को कुचल दिया, जिससे उनकी हालत गंभीर हो गई। मौके पर मौजूद लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। वसंत कुंज साउथ थाने से इंस्पेक्टर अरविंद प्रताप सिंह अपनी टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और घायल को तुरंत नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसका इलाज जारी है।

पुलिस की त्वरित कार्रवाई:

पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए हत्या के प्रयास की धाराओं के तहत केस दर्ज किया और महज 6 घंटे के अंदर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी की पहचान रंगपुरी निवासी विजय उर्फ लाला के रूप में हुई है। विजय के खिलाफ हत्या की कोशिश (IPC की धारा 307) सहित अन्य गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। पुलिस अधिकारी के अनुसार आरोपी के खिलाफ पहले भी आपराधिक रिकॉर्ड की जांच की जा रही है।

निष्कर्ष:

यह घटना दिल्ली में सड़क पर होने वाली मामूली बातों पर बढ़ती हिंसक प्रवृत्तियों की एक और मिसाल है। एक साधारण अपील — "हॉर्न मत बजाओ" — पर इतना उग्र और जानलेवा हमला होना समाज के लिए चिंता का विषय है। पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने आरोपी को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है, लेकिन यह भी जरूरी है कि ऐसे मामलों में न्याय व्यवस्था तेज और सख्त हो, ताकि भविष्य में कोई भी ऐसी दरिंदगी करने से पहले सौ बार सोचे।

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