गर्लफ्रेंड का सपना पूरा करने चला बॉयफ्रेंड, पुलिस के सामने लड़की ने ही खोल दी पोल, बेचारा चला गया जेल

राजस्थान की राजधानी जयपुर से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने न सिर्फ पुलिस भर्ती व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि प्रेम और अपराध के उस अजीब मेल को भी उजागर किया है, जिसकी मिसाल फिल्मों में ही मिलती है। लेकिन यहां मामला रील नहीं, रियल है — जिसमें एक लेखाधिकारी ने अपनी प्रेमिका को अफसर बनाने के लिए SI भर्ती परीक्षा का पेपर 15 लाख रुपये में खरीदा, और अब खुद कानून से भाग रहा है।
अफसर बनाने का सपना, पेपर लीक से सच हुआ
घटना के केंद्र में हैं पुरुषोत्तम दाधीच, जो घटना के समय स्वास्थ्य विभाग में लेखाधिकारी थे। उन्होंने अपनी प्रेमिका रेणु कुमारी को पुलिस उपनिरीक्षक (SI) बनाने का सपना देखा और उस सपने को पूरा करने के लिए शॉर्टकट अपनाया। आरोप है कि पुरुषोत्तम ने 15 लाख रुपये खर्च कर SI भर्ती परीक्षा का पेपर खरीदा, जिससे रेणु परीक्षा में पास हो गई और पुलिस उपनिरीक्षक बन गई।
लेकिन प्रेमकहानी में आया ‘ट्विस्ट’
कहानी में असली मोड़ तब आया जब स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) ने SI भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले की जांच शुरू की। जांच में पता चला कि रेणु को जो सफलता मिली थी, वह किसी कड़ी मेहनत का परिणाम नहीं, बल्कि पेपर लीक का नतीजा था।
अक्टूबर 2024 में जब रेणु को गिरफ्तार किया गया, तो उसने पूछताछ में यह कबूल कर लिया कि पेपर पुरुषोत्तम दाधीच ने दिलवाया था। इसके बाद पुरुषोत्तम ने खुद को निर्दोष साबित करने की कोशिश की और राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका दायर कर एफआईआर रद्द करने की मांग की।
कोर्ट ने याचिका खारिज की, 50 हजार जुर्माना
पुरुषोत्तम ने दावा किया कि वह अप्रैल 2025 में सीजेएम कोर्ट में सरेंडर करने गया था, लेकिन कोर्ट ने उसे कस्टडी में नहीं लिया। लेकिन सरकारी वकील ने कोर्ट को बताया कि ऐसा कोई रिकॉर्ड मौजूद नहीं है। जब याचिकाकर्ता इस दावे को सिद्ध नहीं कर सका, तो न्यायमूर्ति समीर जैन ने न केवल याचिका खारिज कर दी, बल्कि 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया।
अब आरोपी फरार, गिरफ्तारी वारंट जारी
हाईकोर्ट के फैसले के बाद पुलिस ने पुरुषोत्तम के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है। वह फरार हो चुका है और पुलिस उसकी तलाश में जुटी है। साथ ही, रिपोर्ट के आधार पर उसे सरकारी सेवा से भी निलंबित कर दिया गया है और उसका वेतन बंद कर दिया गया है।
यह मामला दिखाता है कि प्यार की आड़ में जब अपराध पनपता है, तो उसका अंजाम समाज और व्यवस्था दोनों के लिए घातक होता है। पुरुषोत्तम की नकल से भरी ‘प्रेमकहानी’ अब कानून की गिरफ्त में आने को है, और यह एक बड़ा संदेश है — प्रेम में ईमानदारी हो, पेपर लीक नहीं।