Samachar Nama
×

बीजापुर में 34 माओवादियों ने किया आत्मसमर्पण, 84 लाख रुपये के थे इनामी; "पूना मारगेम" अभियान से मिली प्रेरणा

बीजापुर, 16 दिसंबर (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में नक्सलवाद के खिलाफ बड़ी सफलता मिली है। मंगलवार को 34 माओवादी कैडरों ने हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया।
बीजापुर में 34 माओवादियों ने किया आत्मसमर्पण, 84 लाख रुपये के थे इनामी; "पूना मारगेम" अभियान से मिली प्रेरणा

बीजापुर, 16 दिसंबर (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में नक्सलवाद के खिलाफ बड़ी सफलता मिली है। मंगलवार को 34 माओवादी कैडरों ने हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया।

इनमें सात महिला कैडर और 27 पुरुष कैडर शामिल हैं, जिन पर कुल 84 लाख रुपये का इनाम घोषित था। ये कैडर दक्षिण सब जोनल ब्यूरो के अलावा तेलंगाना स्टेट कमेटी और आंध्र-ओडिशा बॉर्डर डिवीजन से जुड़े थे। आत्मसमर्पण करने वालों में उच्च पदों पर रहे लोग भी शामिल हैं, जैसे केरलापाल एरिया कमेटी के डिवीजनल कमेटी सदस्य, पीएलजीए कंपनी के सदस्य, एरिया कमेटी सदस्य, मिलिशिया प्लाटून कमांडर और विभिन्न जनताना सरकार तथा अन्य संगठनों के अध्यक्ष-उपाध्यक्ष।

यह आत्मसमर्पण राज्य सरकार की नक्सल उन्मूलन नीति, शांति संवाद और विकास पर आधारित प्रयासों तथा "पूना मारगेम: पुनर्वास से पुनर्जीवन" अभियान का नतीजा है। इस अभियान ने माओवादियों को हिंसक और जनविरोधी विचारधारा छोड़कर शांतिपूर्ण जीवन अपनाने के लिए प्रेरित किया। पुलिस अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण करने वालों में पंडरू पूनेम उर्फ संजू जैसे बड़े नाम शामिल हैं, जिन पर आठ लाख रुपये का इनाम था। इसी तरह रूकनी हेमला, देवा उईका, रामलाल पोयाम और अन्य कैडरों ने भी हथियार डाल दिए। इनमें से कई पर पांच लाख से लेकर आठ लाख रुपये तक का इनाम था।

पुलिस महानिरीक्षक बस्तर रेंज और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में जिले में चलाए जा रहे अभियान के तहत डीआरजी, बस्तर फाइटर्स, एसटीएफ, कोबरा और सीआरपीएफ बलों के संयुक्त प्रयासों से यह सफलता मिली। छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास नीति और नियद नेल्ला नार योजना ने भी इन कैडरों को प्रभावित किया। आत्मसमर्पण करने वाले कैडरों ने बताया कि वे माओवादी संगठन की क्रूरता और जनविरोधी गतिविधियों से तंग आ चुके थे। अब वे शांति और विकास के रास्ते पर चलना चाहते हैं।

बीजापुर जिले में एक जनवरी 2024 से अब तक 824 माओवादी मुख्यधारा में शामिल हो चुके हैं। इसी अवधि में 1079 माओवादियों को गिरफ्तार किया गया और 220 अलग-अलग मुठभेड़ों में मारे गए। पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेंद्र कुमार यादव ने बाकी माओवादियों से अपील की कि वे भी हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में आएं। सरकार की नीति उन्हें सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन की गारंटी देती है। इस आत्मसमर्पण से बस्तर क्षेत्र में शांति स्थापना की दिशा में एक और मजबूत कदम पड़ा है। सरेंडर करने वालों को पुनर्वास के तहत सहायता दी जाएगी, ताकि वे समाज में सम्मान के साथ जी सकें।

--आईएएनएस

एसएचके/डीएससी

Share this story

Tags