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पीएमसीएच में डॉक्टरों की हड़ताल, मरीजों को हुई परेशानी

पटना, 4 दिसंबर (आईएएनएस)। बिहार की राजधानी पटना स्थित पीएमसीएच अस्पताल के स्वास्थ्यकर्मियों ने गुरुवार को मरीजों की तरफ से किए गए अशोभनीय व्यवहार के विरोध में हड़ताल का आह्वान किया है। इस वजह से इलाज के लिए आ रहे मरीजों को मायूस होकर लौटना पड़ रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि हमारे मरीजों के परिजनों की ओर से लगातार अशोभनीय व्यवहार किया जा रहा है। अशोभनीय व्यवहार करने वाले हमें धमकीभरे लहजे में कहते हैं कि हम राजनीति से जुड़े लोग हैं, तुम हमारा कुछ नहीं बिगाड़ पाओगे।
पीएमसीएच में डॉक्टरों की हड़ताल, मरीजों को हुई परेशानी

पटना, 4 दिसंबर (आईएएनएस)। बिहार की राजधानी पटना स्थित पीएमसीएच अस्पताल के स्वास्थ्यकर्मियों ने गुरुवार को मरीजों की तरफ से किए गए अशोभनीय व्यवहार के विरोध में हड़ताल का आह्वान किया है। इस वजह से इलाज के लिए आ रहे मरीजों को मायूस होकर लौटना पड़ रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि हमारे मरीजों के परिजनों की ओर से लगातार अशोभनीय व्यवहार किया जा रहा है। अशोभनीय व्यवहार करने वाले हमें धमकीभरे लहजे में कहते हैं कि हम राजनीति से जुड़े लोग हैं, तुम हमारा कुछ नहीं बिगाड़ पाओगे।

जूनियर डॉक्टर रितिका ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कहा कि कल ब्रेन हेमरेज से पीड़ित एक मरीज हमारे पास भर्ती कराया गया। मरीज की उम्र 60 साल से ऊपर थी। उसके तिमारदारों को काफी पहले ही बता दिया गया था कि उसकी जान जा सकती है। उपचार के दौरान मरीज की मौत हो गई। इससे आक्रोशित उसकी तिमारदार ने महिला इंटर्न के साथ बदतमीजी की। इसके बाद उस महिला इंटर्न ने इसकी शिकायत हमारे रेजिडेंट डॉक्टर से की। इसके बाद मरीज के परिजनों ने हमारे रेजिडेंट डॉक्टर से भी बदतमीजी की।

उन्होंने कहा कि इस तरह की घटना हमारे अस्पताल में स्वास्थ्यकर्मियों के साथ लगातार बढ़ रही है। एक हफ्ते पहले ही हमारे एक डॉक्टर का सिर फोड़ दिया गया। इससे पहले गायनी विभाग में एक मरीज के परिजन ने हमारे साथ बदतमीजी की, और जब हम इस तरह के व्यवहार पर आपत्ति जताते हैं, तो वो कहता है कि हमारे राजनीतिक ताल्लुकात हैं। तुम लोग हमारा कुछ नहीं बिगाड़ पाओगे।

उन्होंने कहा कि अगर किसी के पास राजनीतिक शक्तियां मौजूद हैं, तो इसका मतलब यह तो नहीं हो जाता है ना कि उसे स्वास्थ्यकर्मियों के साथ बदतमीजी करने का हक मिल गया है। सरकार की तरफ से डॉक्टर प्रोटेक्शन एक्ट बनाया गया है। इस एक्ट के तहत अगर किसी डॉक्टर के साथ किसी भी प्रकार की बदतमीजी की जाती है, तो स्पष्ट प्रावधान है कि संस्थान की तरफ से तत्काल प्राथमिकी दर्ज कराई जाए। लेकिन, अफसोस पिछले दस सालों में आज तक इस तरह की कोई भी एफआईआर दर्ज नहीं कराई गई है। हम लोग एक असुरक्षित माहौल में काम करने को लेकर विवश हो चुके हैं।

डॉक्टर ने कहा कि ऐसी स्थिति में हमारे संस्थान को जवाब देना होगा कि जब इतने लंबे समय से स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा अशोभनीय व्यवहार किया जा रहा है, तो क्यों नहीं अब तक कोई भी प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। इस दिशा में अब तक कोई कदम क्यों नहीं उठाया गया है? संस्थान को इस संबंध में जवाब देना होगा। हम लोग हमेशा अपने संस्थान के साथ खड़े रहते हैं, लेकिन यह अफसोस की बात है कि अभी तक हमारे हित में कोई कदम नहीं उठाया गया है।

उन्होंने कहा कि इससे पहले मुजफ्फरपुर में एसकेएम में भी डॉक्टर के साथ बदतमीजी की गई। इस वजह से पूरी स्वास्थ्य प्रणाली बाधित हो गई। इसके विपरीत, मरीज के परिजनों की तरफ से ही प्राथमिकी दर्ज करवा दी जाती है। अब ऐसी स्थिति में यह सवाल उठता है कि हम लोग क्या करें। हमारी आवाज उठाने वाला कोई नहीं है। हम लोग ज्यादातर समय अस्पताल में ही बिताते हैं। ऐसी स्थिति में इस सवाल का उठना लाजिमी है कि हमारी सुरक्षा की गारंटी कौन लेगा? इसलिए, हम सभी लोगों ने हड़ताल का ऐलान किया है। अस्पताल के हर विभाग की स्वास्थ्य सुविधा पूरी तरह से बाधित रहेगी।

डॉक्टर अभिषेक ने कहा कि आए दिन स्वास्थ्यकर्मियों की तरफ से मरीजों के तिमारदार की तरफ से बदतमीजी के मामले बढ़ते जा रहे हैं। पटना पीएमसीएच अस्पताल सबसे बड़ा अस्पताल है। ऐसी स्थिति में यहां वही मरीज पहुंचते हैं, जिनकी हालत गंभीर होती है। हमारी पूरी कोशिश होती है कि मरीज की जान किसी भी कीमत पर नहीं जाए। उसे बचाया जाए। भला कोई डॉक्टर क्यों चाहेगा कि उसके मरीज की जान जाए? लेकिन, जब उपचार के दौरान मरीज की जान चली जाती है, तो तिमारदार की तरफ से कह दिया जाता है कि डॉक्टर ने जानबूझकर हमारे मरीज को मार दिया। इसके अलावा, हमारे साथ बदतमीजी भी की जाती है। आखिर हम डॉक्टर किसी मरीज को क्यों मारेंगे? हमारा तो काम ही है मरीजों का उपचार करना।

उन्होंने कहा कि इसके विपरीत हमारे ऊपर ही केस दर्ज करवा दिया जाता है। अस्पताल में बुनियादी सुविधाओं का अभाव है, जिससे मरीज के उपचार में विभिन्न प्रकार की दिक्कतें आ रही हैं। लेकिन, इस दिशा में किसी का भी ध्यान नहीं जाता है। अभी अस्पताल में मरीजों को लाने-ले जाने के लिए कोई ट्रॉली की भी कोई सुविधा नहीं है। इससे मरीजों को लाने-ले जाने में दिक्कत हो रही है, लेकिन इस पर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है।

उन्होंने कहा कि जब तक स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा का कोई आश्वासन नहीं दिया जाता है, तब तक हमारी हड़ताल जारी रहेगी। हम हड़ताल बंद नहीं करेंगे।

वहीं, अस्पताल में उपचार के लिए आने वाले मरीजों ने हड़ताल की वजह से असुविधा पर आपत्ति जताई। मरीजों ने कहा कि हम यहां पर उपचार के लिए आए, तो हमें पता लगा कि सभी डॉक्टर हड़ताल पर गए हुए हैं। अब हमें उपचार में दिक्कत हो रही है। इस तरह से कई मरीजों ने अपनी परेशानी साझा की।

--आईएएनएस

एसएचके/डीएससी

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