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भारतीय तटरक्षक ने मुंबई के पास क्षेत्रीय स्तर का प्रदूषण प्रतिक्रिया अभ्यास किया

मुंबई, 26 दिसंबर (आईएएनएस)। भारतीय महासागर क्षेत्र में समुद्री व्यापार गतिविधियों के बढ़ने के साथ भारतीय जलक्षेत्र में समुद्री प्रदूषण का खतरा लगातार बना हुआ है। स्थिति तब और गंभीर हो जाती है, जब तेल तट तक पहुंच जाता है। तेल रिसाव जैसी आपदाओं से निपटने के लिए एक मजबूत व्यवस्था का होना जरूरी है। इसी क्रम में 26 दिसंबर को मुंबई तट के पास क्षेत्रीय स्तर का प्रदूषण प्रतिक्रिया अभ्यास आयोजित किया गया।
भारतीय तटरक्षक ने मुंबई के पास क्षेत्रीय स्तर का प्रदूषण प्रतिक्रिया अभ्यास किया

मुंबई, 26 दिसंबर (आईएएनएस)। भारतीय महासागर क्षेत्र में समुद्री व्यापार गतिविधियों के बढ़ने के साथ भारतीय जलक्षेत्र में समुद्री प्रदूषण का खतरा लगातार बना हुआ है। स्थिति तब और गंभीर हो जाती है, जब तेल तट तक पहुंच जाता है। तेल रिसाव जैसी आपदाओं से निपटने के लिए एक मजबूत व्यवस्था का होना जरूरी है। इसी क्रम में 26 दिसंबर को मुंबई तट के पास क्षेत्रीय स्तर का प्रदूषण प्रतिक्रिया अभ्यास आयोजित किया गया।

भारतीय तटरक्षक का कहना है कि देश की लंबी तटरेखा को देखते हुए समुद्र में तेल प्रदूषण से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए सभी हितधारकों का आपसी समन्वय और सहभागिता बहुत जरूरी है। समुद्री तेल रिसाव से निपटना भारतीय तटरक्षक और अन्य संबंधित एजेंसियों की साझा जिम्मेदारी है। भारतीय तटरक्षक को भारतीय जलक्षेत्र में तेल रिसाव प्रतिक्रिया के समन्वय, रोकथाम और नियंत्रण के लिए केंद्रीय समन्वय प्राधिकरण बनाया गया है।

भारतीय तटरक्षक राष्ट्रीय तेल रिसाव आपदा आकस्मिक योजना के तहत तेल रिसाव से निपटने की तैयारियों को परखने के लिए नियमित रूप से ऐसे अभ्यास करता है। इसी कड़ी में शुक्रवार को मुंबई तट के पास यह क्षेत्रीय स्तर का अभ्यास किया गया।

इस अभ्यास से पहले 18 दिसंबर 2025 को प्रारंभिक योजना सम्मेलन आयोजित हुआ, जिसमें विभिन्न हितधारकों द्वारा प्रस्तुतियां, व्याख्यान और एक टेबल-टॉप अभ्यास किया गया। इसके बाद 26 दिसंबर को समुद्र में वास्तविक अभ्यास आयोजित कर तेल रिसाव की स्थिति में प्रतिक्रिया और नियंत्रण उपायों का अभ्यास किया गया।

अभ्यास के दौरान एक काल्पनिक स्थिति बनाई गई, जिसमें एक मोटर टैंकर पोत से संदेश मिला कि मछली पकड़ने वाली नाव से टक्कर के बाद जहाज में छेद हो गया है, जिससे समुद्र में कच्चे तेल का भारी रिसाव हो रहा है। इस स्थिति से निपटने के लिए भारतीय तटरक्षक के एक विशेष प्रदूषण नियंत्रण पोत के साथ दो अतिरिक्त आईसीजी जहाजों को तैनात किया गया।

मुंबई पोर्ट अथॉरिटी और ओएनजीसी ने भी अपने संसाधन तैनात किए, जिनमें तेल रिसाव से निपटने वाले पोत शामिल थे। इस अभ्यास में मत्स्य विभाग, वन विभाग सहित अन्य एजेंसियों की बड़ी भागीदारी देखने को मिली, जिससे प्रदूषण से निपटने की तैयारियों का आकलन किया गया।

इस अभ्यास में मुंबई पोर्ट अथॉरिटी, ओएनजीसी, वन विभाग (मैंग्रोव सेल), तटीय पुलिस, मत्स्य विभाग, जेएसडब्ल्यू पोर्ट, अंग्रे पोर्ट, सीआईएसएफ और तेल हैंडलिंग एजेंसियों ने हिस्सा लिया।

--आईएएनएस

एएमटी/डीकेपी

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