भारत विरोधी प्रदर्शनों में शामिल गैर-भारतीयों के देश में आने पर रोक लगाई गई: नित्यानंद राय
नई दिल्ली, 16 दिसंबर (आईएएनएस)। कनाडा, ब्रिटेन और अमेरिका सहित विदेशों में भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल गैर-भारतीयों को वीजा नियमों और दिशानिर्देशों के अनुसार भारत आने से रोका गया है। यह जानकारी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने मंगलवार को लोकसभा में दी।
उन्होंने बताया कि ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनमें गैर-भारतीयों ने भारत विरोधी गतिविधियों में हिस्सा लिया और उनका समर्थन किया। भारत सरकार ने अपने राजनयिक मिशनों और दूतावासों के माध्यम से संबंधित देशों से बात की है और उनसे अनुरोध किया है कि वे न केवल अपने कानूनों के तहत ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करें, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समझौतों के अनुसार हमारी राजनयिक संपत्तियों और कर्मचारियों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करें।
नित्यानंद राय ने कहा, "ऐसे गैर-भारतीय जो भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं, उनका भारत में आना मना है, जैसा कि समय-समय पर जारी वीजा मैनुअल, नियमों और गाइडलाइंस में बताया गया है।"
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय लोकसभा में एक सवाल का जवाब दे रहे थे, जिसमें पूछा गया था कि क्या सरकार ने गैर-भारतीय मूल के लोगों, खासकर कनाडा, ब्रिटेन और अमेरिका में रहने वाले उन लोगों की संपत्ति के खिलाफ कोई कार्रवाई की है, जो भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं। शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय उत्तमराव देशमुख ने मंत्रालय से यह जानना चाहा था कि क्या कनाडा, यूके और यूएस में भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल गैर-भारतीय मूल के लोगों की संपत्ति फ्रीज करने के लिए कोई कदम उठाए गए हैं।
लोकसभा में एक और सवाल के जवाब में गृह राज्य मंत्री बंडी संजय कुमार ने कहा कि 1 जुलाई, 2024 से लागू हुए नए आपराधिक कानूनों में राजद्रोह से संबंधित धारा, जिसकी जड़ें औपनिवेशिक काल से थीं, हटा दी गई है। इसकी जगह बीएनएस, 2023 की धारा 152 को शामिल किया गया है, जो भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले कामों को दंडनीय अपराध बनाती है।
वह बीजेपी सांसद सतीश कुमार गौतम के एक सवाल का जवाब दे रहे थे, जिसमें पूछा गया था कि क्या नए आपराधिक कानून लोगों को औपनिवेशिक सोच से आजाद करते हैं।
नए कानूनों में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा पर जोर देते हुए संजय कुमार ने कहा कि बीएनएस 2023 में गैंगरेप की नाबालिग पीड़ितों के लिए उम्र का अंतर हटा दिया गया है।
पहले, 16 साल और 12 साल से कम उम्र की लड़की के गैंगरेप के लिए अलग-अलग सजा तय थी। अब इस प्रावधान में बदलाव किया गया है और 18 साल से कम उम्र की महिला के गैंगरेप के लिए उम्रकैद या मौत की सजा दी जाएगी।
--आईएएनएस
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