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देश राहुल और प्रियंका को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं: आरपी सिंह

नई दिल्ली, 23 दिसंबर (आईएएनएस)। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा को निशाने पर लेते हुए भाजपा प्रवक्ता आरपी सिंह ने कहा कि देश दोनों को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है।
देश राहुल और प्रियंका को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं: आरपी सिंह

नई दिल्ली, 23 दिसंबर (आईएएनएस)। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा को निशाने पर लेते हुए भाजपा प्रवक्ता आरपी सिंह ने कहा कि देश दोनों को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है।

भाजपा प्रवक्ता का यह बयान उस वक्त आया है जब भाजपा ने प्रियंका गांधी की बांग्लादेश की वर्तमान स्थिति पर उनकी चुप्पी पर सवाल उठाए, जिसके जवाब में कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने प्रियंका गांधी वाड्रा को प्रधानमंत्री बनाने की वकालत की और कहा कि पीएम बना दीजिए, इंदिरा गांधी की तरह जवाब दिया जाएगा।

कांग्रेस सांसद के इस बयान पर भाजपा प्रवक्ता आरपी सिंह ने कहा कि मुंगेरीलाल के हसीन सपने देखने से कोई रोक नहीं है, सपने देखना अधिकार है। लेकिन सच यह है कि प्रियंका गांधी वाड्रा हों या राहुल गांधी, दोनों को भारत स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है। वे किस नीति के तहत आगे बढ़ेंगे? तीन राज्यों में उनकी सरकार है, तो क्या वे कह सकते हैं कि किसी राज्य के लिए हम ऐसा मॉडल देंगे? कांग्रेस के पास न नीति है और न ही कोई अच्छा नेता।

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की विदेशी धरती से चुनाव आयोग, ईवीएम और चीन पर दिए बयान को लेकर भाजपा प्रवक्ता ने जोरदार पलटवार किया।

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी से क्या अपेक्षा की जा सकती है? वे तो चाहते हैं कि देश में अराजकता फैले। कभी जेनजी तो कभी जेन-जेड की बात करते हैं। रामलीला मैदान में उनकी माताजी ने खड़े होकर कहा था कि आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे। राहुल गांधी की मंशा यहां पूरी नहीं होने वाली। विदेश जाकर वे जिस तरह के बयान दे रहे हैं, उससे उनकी सोच स्पष्ट दिखाई पड़ती है।

बांग्लादेश की वर्तमान स्थिति पर भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि जितनी निंदा की जाए, कम है, यह विभत्स है। दुनिया भर के हिंदू इस मुद्दे पर एकजुट हैं।

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के आरोप 2013 के नक्सली हमले में शामिल थे कांग्रेस के लोग। इस पर भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि कुछ साल पहले जब छत्तीसगढ़-मध्यप्रदेश एक था, तब नक्सलियों ने वहां कांग्रेसी नेताओं को मारा था। शक की सुई कांग्रेसी नेताओं पर भी जाती है।

--आईएएनएस

डीकेएम/डीएससी

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