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'बेटियों की सुरक्षा सर्वोपरि, पुलिस की संवेदनशीलता जरूरी,' रांची में बोलीं विजया रहाटकर

रांची, 22 दिसंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया किशोर रहाटकर के नेतृत्व में आयोग की पूरी टीम सोमवार को झारखंड की राजधानी रांची पहुंचीं। इस दौरान मानव तस्करी के खिलाफ जागरूकता कार्यक्रम, पुलिस के साथ संयुक्त पहल, महिलाओं की जनसुनवाई और महिला सशक्तिकरण से जुड़े कई अहम कार्यक्रम आयोजित किए गए।
'बेटियों की सुरक्षा सर्वोपरि, पुलिस की संवेदनशीलता जरूरी,' रांची में बोलीं विजया रहाटकर

रांची, 22 दिसंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया किशोर रहाटकर के नेतृत्व में आयोग की पूरी टीम सोमवार को झारखंड की राजधानी रांची पहुंचीं। इस दौरान मानव तस्करी के खिलाफ जागरूकता कार्यक्रम, पुलिस के साथ संयुक्त पहल, महिलाओं की जनसुनवाई और महिला सशक्तिकरण से जुड़े कई अहम कार्यक्रम आयोजित किए गए।

आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि महिलाओं और बच्चों की तस्करी रोकने के लिए पुलिस को और अधिक संवेदनशील बनने की जरूरत है, साथ ही झारखंड में राज्य महिला आयोग की तत्काल नियुक्ति बेहद आवश्यक है।

विजया रहाटकर ने आईएएनएस से बातचीत करते हुए कहा कि रांची में झारखंड पुलिस के साथ मिलकर एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसका उद्देश्य पुलिस बल और आम लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाना था। इन प्रयासों का असर दिखने लगा है और बेटियों तथा बच्चों को तस्करी से बचाने के लिए जमीनी स्तर पर बेहतर काम हो रहा है।

इस मौके पर उन्होंने 'शी सर्वस-डिफेंस' नाम के एक विशेष कार्यक्रम का शुभारंभ भी किया। इस कार्यक्रम का मकसद महिलाओं और बेटियों को रक्षा क्षेत्र में मौजूद अवसरों की जानकारी देना है।

विजया रहाटकर ने कहा कि आज महिलाओं के लिए डिफेंस सेक्टर में कई मौके हैं, लेकिन सही जानकारी के अभाव में बहुत सी बेटियां आगे नहीं बढ़ पातीं। अगर उन्हें सही मार्गदर्शन मिले, तो वे पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर देश की सेवा कर सकती हैं। इस कार्यक्रम में हजारों की संख्या में बेटियां शामिल हुईं, जिन्होंने यह संकल्प लिया कि वे भी देश की रक्षा में योगदान देंगी और वर्दी पहनकर अपने माता-पिता और देश का नाम रोशन करेंगी।

इसके अलावा, रांची में महिलाओं की जनसुनवाई भी आयोजित की गई। आयोग को देशभर से जिस तरह शिकायतें मिलती हैं, उसी तरह रांची से भी बड़ी संख्या में शिकायतें प्राप्त हुई थीं। सोमवार को चयनित 140 मामलों की सुनवाई की गई, जिनमें से करीब 100 मामलों को सुलझाने का प्रयास किया गया। बाकी मामलों को काउंसलिंग और मध्यस्थता के जरिए हल करने की प्रक्रिया जारी है। आयोग अध्यक्ष ने कहा कि ऐसे मामलों में पुलिस की भूमिका बेहद अहम होती है और महिलाओं को त्वरित राहत देने के लिए पुलिस को और ज्यादा संवेदनशील होने की आवश्यकता है।

विजया रहाटकर ने तस्करी से मुक्त कराई गई महिलाओं से भी संवाद किया। उन्होंने इन महिलाओं के अनुभव सुने और कहा कि यह देखकर खुशी होती है कि तस्करी के दलदल से बाहर निकलने के बाद ये महिलाएं अब अपने गांवों में सम्मानजनक जीवन जी रही हैं। इतना ही नहीं, वे आगे चलकर दूसरी महिलाओं और बच्चों को तस्करी से बचाने के लिए भी जागरूकता फैलाने का काम कर रही हैं। अगर समाज के अन्य लोग भी इस अभियान से जुड़ जाएं, तो झारखंड को पूरी तरह तस्करी मुक्त बनाया जा सकता है।

राष्ट्रीय महिला आयोग का अगला पड़ाव हजारीबाग है। मंगलवार को वहां डिवीजन के कलेक्टरों के साथ महिला केंद्रित योजनाओं की समीक्षा बैठक होगी। इसमें यह देखा जाएगा कि योजनाओं का लाभ महिलाओं तक कैसे पहुंच रहा है और वे आर्थिक एवं सामाजिक रूप से कितनी सशक्त हो रही हैं। इसके साथ ही डिवीजन के सभी वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ महिला अपराधों पर बैठक होगी, जिसमें अब तक उठाए गए कदमों की जानकारी ली जाएगी।

उन्होंने बताया कि आयोग युवाओं से भी लगातार जुड़ा रहता है। 'कैंपस कॉलिंग' कार्यक्रम के जरिए युवाओं को साइबर क्राइम, पॉश एक्ट और पॉक्सो कानून की जानकारी दी जाती है। यह कार्यक्रम 23 दिसंबर को हजारीबाग में भी आयोजित किया जाएगा। शाम को आयोग अध्यक्ष राज्यपाल से मुलाकात भी करेंगी।

विजया रहाटकर ने झारखंड की महिलाओं को भरोसा दिलाया कि राष्ट्रीय महिला आयोग हमेशा उनके साथ खड़ा है। उन्होंने महिलाओं से अपील की कि किसी भी समस्या की स्थिति में आयोग की हेल्पलाइन नंबर पर तुरंत संपर्क करें।

उन्होंने यह भी कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि झारखंड में पिछले पांच साल से राज्य महिला आयोग का गठन नहीं हुआ है। राज्य सरकार को तुरंत इसकी नियुक्ति करनी चाहिए ताकि पीड़ित महिलाओं को स्थानीय स्तर पर ही त्वरित राहत मिल सके।

राष्ट्रीय महिला आयोग अध्यक्ष ने बताया कि जल्द ही इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री से भी आग्रह किया जाएगा। साथ ही उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि डोमेस्टिक वायलेंस एक्ट के तहत प्रोटेक्शन ऑफिसर, पॉश एक्ट के नोडल ऑफिसर, और जिला स्तर की लोकल कमेटियों की नियुक्ति और जागरूकता की भारी कमी है। इन सभी विषयों पर आयोग प्रशासन और पुलिस के साथ मिलकर आगे भी चर्चा करेगा।

--आईएएनएस

वीकेयू/डीकेपी

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