बांग्लादेश में दीपू चंद्र की हत्या के बाद सोशल मीडिया यूजर्स को पश्चिम बंगाल पुलिस की चेतावनी
कोलकाता, 20 दिसंबर (आईएएनएस)। बांग्लादेश में दीपू चंद्र दास की हत्या को पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हरगोबिंदो और चंदन दास नाम के बाप-बेटे की हत्या से जोड़े जाने पर पश्चिम बंगाल पुलिस ने चेतावनी देते हुए कार्रवाई की बात कही है।
पश्चिम बंगाल पुलिस का कहना है कि बांग्लादेश में हाल ही में हुए दीपू चंद्र दास की हत्या और लगभग 8 महीने पहले मुर्शिदाबाद में हरगोबिंदो और चंदन दास नाम के पिता-पुत्र की दुखद मौत के बीच तुलना करने की कोशिशें की जा रही हैं। सोशल मीडिया पर इस तरह की पोस्ट करने वालों पर पुलिस नजर रख रही है।
पुलिस ने कहा है कि ऐसे लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही पुलिस ने आम लोगों से इस तरह की अफवाहों से दूर रहने की अपील की है।
पश्चिम बंगाल पुलिस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा कि कुछ जगहों से बांग्लादेश में हाल ही में हुए दीपू चंद्र दास की हत्या और लगभग 8 महीने पहले मुर्शिदाबाद में हरगोबिंदो और चंदन दास नाम के पिता-पुत्र की दुखद मौत के बीच तुलना करने की कोशिशें की जा रही हैं। ऐसी तुलनाएं बेहद भड़काऊ हैं, तथ्यों के आधार पर गुमराह करने वाली हैं और इनका मकसद सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ना है।
पुलिस ने बताया कि मुर्शिदाबाद मामले में 13 आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार किया गया था और मामले में चार्जशीट भी दाखिल की जा चुकी है। इस केस का फैसला जल्द आने की उम्मीद है। बांग्लादेश की घटनाओं से इसकी तुलना करना केवल सांप्रदायिक अविश्वास फैलाने की एक बेईमान कोशिश है, जबकि कानून अपना काम कर रहा है।
पश्चिम बंगाल पुलिस ने कहा कि राज्य में सांप्रदायिक सद्भाव की पुरानी परंपराओं को बनाए रखने के लिए वह प्रतिबद्ध है और इसे बिगाड़ने की किसी भी कोशिश पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाएगी। भड़काऊ और गलत जानकारी फैलाने वाले सोशल मीडिया हैंडल्स पर नजर रखी जा रही है। आपराधिक घटनाओं को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। नागरिकों से अपील है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें।
बांग्लादेश में दीपू चंद्र दास की भीड़ ने ईशनिंदा के आरोप में पीट-पीटकर हत्या कर दी थी और बाद में उसके शव को आग के हवाले कर दिया था। वहीं, इसी साल 12 अप्रैल को मुर्शिदाबाद में नाश्ते की दुकान चलाने वाले गोविंद दास (72) और उनके 40 वर्षीय बेटे की हिंसा में मौत हो गई थी। वक्फ कानून का विरोध करने वाले एक समूह के लोगों ने दोनों को दुकान से बाहर निकालकर बेरहमी से पीटा, जिससे उनकी मौत हो गई थी।
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