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बांग्लादेश के मामले में शेख हसीना को बोलने का हक नहीं: कासिम रसूल इलियास

नई दिल्ली, 22 दिसंबर (आईएएनएस)। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य कासिम रसूल इलियास ने बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर भड़की हिंसा की कड़ी निंदा की है। पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के बयान पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार की विफलता तो तय है, लेकिन शेख हसीना को टिप्पणी करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।
बांग्लादेश के मामले में शेख हसीना को बोलने का हक नहीं: कासिम रसूल इलियास

नई दिल्ली, 22 दिसंबर (आईएएनएस)। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य कासिम रसूल इलियास ने बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर भड़की हिंसा की कड़ी निंदा की है। पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के बयान पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार की विफलता तो तय है, लेकिन शेख हसीना को टिप्पणी करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।

नई दिल्ली में आईएएनएस से बातचीत में कासिम रसूल इलियास ने कहा कि बांग्लादेश में जो कुछ हुआ है, हम उसकी सख्त निंदा करते हैं। सरकार की जिम्मेदारी थी कि वह हिंसा को रोकती, लेकिन मौजूदा मोहम्मद यूनूस सरकार ने जरूरी कदम नहीं उठाए। उन्हें पहले से मालूम होना चाहिए था कि इस तरह की हिंसा भड़क सकती है।

शेख हसीना के बयान पर इलियास ने कहा कि यह बात तय है कि सरकार विफल रही है। हिंसा रोकना उसकी जिम्मेदारी बनती है, जिसमें बांग्लादेश सरकार असफल रही, लेकिन शेख हसीना के दौर में भी इस तरह की कई घटनाएं हुई थीं। छात्र आंदोलन पर सरकार की ओर से अत्याचार हुआ, जिसके जवाब में उन्हें भागना पड़ा। इसलिए इस घटना पर टिप्पणी करने का उन्हें कोई नैतिक अधिकार नहीं है।

दरअसल बांग्लादेश के मौजूदा हालात पर शेख हसीना ने कहा है कि इसके लिए यूनुस सरकार जिम्मेदार है। उन्होंने आरोप लगाया कि यूनुस प्रशासन अल्पसंख्यकों की रक्षा करने में नाकाम रहा है। उसने चरमपंथियों को विदेश नीति तय करने की खुली छूट दे दी है।

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य कासिम रसूल इलियास ने कहा कि किसी भी देश में यदि कोई घटना होती है तो पूरे समुदाय को दोषी ठहराकर उसके खिलाफ आवाज उठाना उचित नहीं है। चाहे बांग्लादेश हो, श्रीलंका हो या भारत हो, जहां-जहां अल्पसंख्यक हैं, वहां इस तरह की स्थिति देखने को मिलती है। जब भी ऐसी घटनाएं होती हैं तो अल्पसंख्यक ही दबाव में आ जाता है और अत्याचार शुरू हो जाता है। यह बहुत चिंताजनक है। इसकी कड़ी निंदा होनी चाहिए। गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो और जल्द से जल्द फैसला आना चाहिए।

तमिलनाडु दरगाह विवाद पर कासिम रसूल इलियास ने कहा कि धार्मिक कार्यक्रम अपने धार्मिक स्थलों पर ही करने चाहिए। एक-दूसरे के धार्मिक स्थलों का सम्मान करना चाहिए और ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिए जिससे हिंसा भड़क उठे। अफसोस की बात है कि सांप्रदायिक ताकतें उन प्रांतों को निशाना बना रही हैं जहां सदियों से अमन और सद्भाव है, जहां हिंदू-मुस्लिम बिना किसी विवाद के साथ रहते हैं। वहां विवाद भड़काकर दो समुदायों के बीच तनाव पैदा करना और अपना उल्लू सीधा करना बहुत निंदनीय है। इससे पूरे देश में केवल अशांति ही फैलेगी।

--आईएएनएस

डीकेएम/वीसी

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