बाबर के नाम पर ही मस्जिद क्यों? आलोक कुमार ने लगाया धार्मिक विद्वेष भड़काने का आरोप
पुणे, 6 दिसंबर (आईएएनएस)। टीएमसी से निलंबित विधायक हुमायूं कबीर द्वारा बाबरी मस्जिद की नींव रखने पर वीएचपी के इंटरनेशनल वर्किंग प्रेसिडेंट आलोक कुमार ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उनका कहना है कि अब वह टीएमसी विधायक नहीं रहे, उन्हें पार्टी से ही निकाल दिया गया है। यहां तक कि ममता बनर्जी ने भी इस कार्रवाई की निंदा की और इसे भड़काने वाला बताया।
आलोक कुमार ने कहा कि वह समझ सकते हैं कि कोई भी इंसान मस्जिद बनाए। कोई अल्लाह के नाम पर, मोहम्मद साहब के नाम पर, उनकी पत्नी या किसी खलीफा के नाम पर मस्जिद का नाम रख सकता है। इसमें किसी तरह की दिक्कत नहीं। लेकिन, सवाल यह है कि बाबर का नाम क्यों चुना गया? बाबर ने भारत पर हमला किया, हिंदुओं की हत्या की, महिलाओं का अपमान किया और राम मंदिर को तोड़ा। ऐसे व्यक्ति के नाम पर मस्जिद बनाना और इसे सड़क पर खड़े होकर जोर-जोर से बोलना भड़काने वाली कार्रवाई है।
उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक धार्मिक स्थल बनाने का मामला नहीं है, बल्कि यह हिंदू और मुसलमान के बीच विद्वेष पैदा करने वाली कार्रवाई है। यह धार्मिक विद्वेष फैलाने वाला काम है और कानून के हिसाब से भी यह अपराध के दायरे में आता है। ऐसे काम से समाज में तनाव बढ़ता है और लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचती है।
आलोक कुमार ने साफ कहा कि बंगाल की सरकार को इस पर तुरंत कदम उठाने चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि किसी भी तरह की भड़काऊ कार्रवाई को बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए।
उनका मानना है कि कानून और शांति दोनों को बनाए रखना जरूरी है और धार्मिक भावनाओं का गलत इस्तेमाल नहीं होने दिया जाना चाहिए।
उनका कहना है कि धार्मिक आस्था के नाम पर किसी भी तरह की हिंसा या विवाद को बढ़ावा नहीं देना चाहिए। कोई भी मस्जिद बना सकता है, कोई भी मंदिर बना सकता है, लेकिन ऐसे मामलों में इतिहास और संवेदनशीलता का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। जनता की भावनाओं को चोट पहुंचाने वाला कदम किसी भी समाज के लिए सही नहीं है।
--आईएएनएस
पीआईएम/एबीएम

