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डॉक्‍टर के अंदर आते ही लड़की ने खोल दिए शर्ट के सारे बटन, तभी अचानक पहुंच गई पुलिस और फिर शुरू हुआ असली खेल

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राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें दिल्ली पुलिस के नाम पर एक फर्जी रैकेट चल रहा था। अपराध शाखा ने बाहरी दिल्ली के कंझावला इलाके में हनीट्रैप के जरिए लोगों को फंसाकर उनसे पैसे वसूलने वाले तीन फर्जी पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया है। इस खुलासे से दिल्ली पुलिस के विभाग में हड़कंप मच गया है, क्योंकि आरोपियों के पास से फर्जी पुलिस पहचान पत्र और एक हेड कांस्टेबल रैंक की वर्दी भी बरामद हुई है।

घटना का विवरण: दिल्ली पुलिस के एसीपी (क्राइम) संजय भाटिया ने बताया कि आरोपियों की पहचान तिलक नगर के नीरज त्यागी उर्फ ​​धीरज उर्फ ​​धीरू (42), केरल के आशीष माथुर (31) और खरखौदा के दीपक उर्फ ​​साजन (30) के रूप में हुई है। इन तीनों को कंझावला क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया। आरोपियों के खिलाफ हनीट्रैप के जरिए लोगों को फंसाने और फिर उनसे वसूली करने के आरोप थे। दिल्ली पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर पूछताछ के लिए अपराध शाखा कार्यालय भेजा।

हनीट्रैप का तरीका: अधिकारियों के मुताबिक, यह गिरोह हनीट्रैप का इस्तेमाल करता था, जिसमें एक महिला के जरिए लोगों को फंसाया जाता था। फिर आरोपियों ने अपने आप को असली पुलिसकर्मी बताकर पीड़ितों को धमकाया और उनसे पैसे की मांग की। इस गिरोह का शिकार एक 60 वर्षीय डॉक्टर भी हुआ था। डॉक्टर को एक अज्ञात लड़की ने फोन किया और बाद में उसे पश्चिमी दिल्ली के जनकपुरी मेट्रो स्टेशन पर बुलाया। जब डॉक्टर वहां पहुंचे, तो उसे नाश्ता दिया गया और फिर लड़की ने उसकी शर्ट के सारे बटन खोल दिए। तभी चार लोग मौके पर पहुंचे, जिनमें से दो ने खुद को पुलिसकर्मी बताया और डॉक्टर को धमकाया कि उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कर दिया जाएगा। इसके बाद डॉक्टर से कुल 9 लाख रुपये की वसूली की गई।

पुलिस की कार्रवाई: यह घटना अगस्त 2024 की है, और इसके बाद आरोपियों के खिलाफ जांच शुरू की गई। पुलिस ने हनीट्रैप के इस रैकेट का भंडाफोड़ किया और आरोपियों को गिरफ्तार किया। दिल्ली पुलिस अब इस मामले में आगे की जांच कर रही है और यह देख रही है कि इस गिरोह के अन्य सदस्य कौन हो सकते हैं और उनकी गतिविधियों के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

यह मामला दिल्ली पुलिस की छवि पर एक बड़ा सवाल खड़ा करता है, क्योंकि आरोपियों ने पुलिस की वर्दी का इस्तेमाल किया और पुलिस के नाम पर धोखाधड़ी की। फिलहाल पुलिस की जांच जारी है और मामले की सच्चाई को सामने लाने की कोशिश की जा रही है।

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