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अपूर्वा मखीजा के बयान से एक बार फिर गर्माया सोशल मीडिया, इस बार सेक्स वर्कर्स पर दिया ये शर्मनाक बयान

डफर
नई दिल्ली | 11 जुलाई 2025 — एक बार फिर विवादों में घिरी यूट्यूबर और कंटेंट क्रिएटर अपूर्वा मुखिजा उर्फ़ The Rebel Kid, जिनका नया बयान सोशल मीडिया पर तूफान की तरह फैल गया है। इस बार उन्होंने महिलाओं की सेक्सुएलिटी को मॉनेटाइज करने को लेकर चौंकाने वाला बयान दिया है — और कहा है कि उन्हें ऐसी महिलाओं पर गर्व है।
🔥 क्या कहा अपूर्वा मुखिजा ने?
एक इंटरव्यू में, जब ज़ूम (Zoom) के पत्रकार ने उनसे सोशल मीडिया ट्रेंड्स को लेकर सवाल पूछा, तो उन्होंने कहा:

 

“जो महिलाएं अपनी सेक्सुएलिटी को मॉनेटाइज कर रही हैं, वो बेहद समझदार हैं। अगर मर्द इतने बेवकूफ हैं कि वो देखेंगे और पैसे देंगे, तो फिर क्यों नहीं? I love it! They are the views. Proud of you girlypops!”
उनका यह बयान अब सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है, और लोगों की प्रतिक्रियाएं तीखी होती जा रही हैं।
💬 सोशल मीडिया पर बवाल | यूज़र्स की प्रतिक्रिया
“तो मतलब अब खुद को sexualise करना गर्व की बात हो गई है?” – एक यूज़र ने लिखा।
“ये तो पूरी तरह से कैरेक्टरलेस सोच है,” – दूसरे ने कमेंट किया।
“सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर = बिना सर-पैर की बकवास,” – तीसरे यूज़र का गुस्सा साफ झलका।
कई यूज़र्स ने अपूर्वा को “दोगली सोच की मिसाल” बताया और उनकी सोशल जिम्मेदारियों पर सवाल उठाए हैं, क्योंकि उनके फॉलोअर्स की संख्या 3 मिलियन से अधिक है।
रणवीर अल्लाहबादिया केस से भी जुड़ी थीं अपूर्वा
इससे पहले भी अपूर्वा मुखिजा विवादों में आ चुकी हैं।
Ranveer Allahbadia (BeerBiceps) के साथ एक शो India’s Got Latent में जब एक कंटेस्टेंट से बेहद अश्लील और आपत्तिजनक सवाल पूछा गया था —
“Would you watch your parents have sex every day for the rest of your life or join once to stop it forever?”
तो उस पैनल में अपूर्वा भी मौजूद थीं। न केवल उस बयान की कड़ी आलोचना हुई, बल्कि कानूनी शिकायते भी दर्ज की गईं। इसके बाद अपूर्वा ने Instagram से अपनी सभी पोस्ट डिलीट कर दी थीं।
बाद में उन्होंने Sleep Paralysis और मानसिक दबाव की बात कही थी और कहा कि उन्हें लगातार धमकियां मिल रही थीं।
कौन हैं Apoorva Mukhija?
सोशल मीडिया पर उन्हें लोग "The Rebel Kid" नाम से जानते हैं। इंस्टाग्राम पर 3 मिलियन फॉलोअर्स हैं। शो "The Traitors" में भी नजर आ चुकी हैं। कंटेंट क्रिएशन के नाम पर अक्सर बोल्ड विचार और बयान देती हैं।
आज के डिजिटल युग में जब सोशल मीडिया पर क्रिएटर्स का सीधा प्रभाव युवा वर्ग पर पड़ता है, तब यह सवाल उठना लाज़मी है कि क्या बोलने की आज़ादी के नाम पर किसी भी हद तक जाना उचित है?
सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स को फॉलो करने वाली करोड़ों की भीड़ में बड़ी संख्या किशोरों और युवाओं की होती है। ऐसे में क्या अपूर्वा मुखिजा का यह बयान उन्हें गलत दिशा नहीं देगा?

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