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IndiGo उड़ानों की अफरा-तफरी के बीच DGCA का U-turn, वापस लिया पायलटों की छुट्टी वाला नियम

IndiGo उड़ानों की अफरा-तफरी के बीच DGCA का U-turn, वापस लिया पायलटों की छुट्टी वाला नियम

इंडिगो के हालिया संकट ने पूरे भारतीय एविएशन सेक्टर को हिलाकर रख दिया है। भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन, इंडिगो द्वारा सैकड़ों उड़ानें रद्द करने के बाद देश भर में हजारों यात्री एयरपोर्ट पर फंस गए। इस स्थिति ने क्रू मैनेजमेंट और DGCA के नियमों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए। इन हालात के बीच, DGCA ने शुक्रवार को क्रू सदस्यों के लिए साप्ताहिक आराम की अवधि से जुड़े अपने पहले के निर्देश को वापस लेने का एक बड़ा फैसला लिया।

सरकार हुई एक्टिव
इंडिगो संकट के बीच एक DGCA रिव्यू मीटिंग हुई। इसमें नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू, मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी और इंडिगो के टॉप अधिकारी शामिल थे। यह मीटिंग कंपनी की सेवाओं में रुकावटों और कमियों को देखते हुए बुलाई गई थी। इसके बाद, राम मोहन नायडू ने गृह मंत्री अमित शाह को इंडिगो मामले की जानकारी दी। इसके बाद, DGCA ने अपना रोस्टर नियम वापस ले लिया।

DGCA ने तुरंत पिछला आदेश वापस लिया

5 दिसंबर को जारी एक नए आदेश में, DGCA ने कहा कि क्रू के लिए साप्ताहिक आराम के संबंध में पहले जारी किए गए निर्देशों को तत्काल प्रभाव से वापस ले लिया गया है। यह फैसला “सक्षम अथॉरिटी” की मंजूरी के बाद लिया गया। इसका मतलब है कि अब एयरलाइंस को क्रू सदस्यों की छुट्टी और आराम की अवधि को मैनेज करने में ज़्यादा फ्लेक्सिबिलिटी मिलेगी। DGCA ने साफ तौर पर कहा कि इंडिगो संकट के कारण इस नियम का रिव्यू करना पड़ा।

इंडिगो संकट ने DGCA का रुख क्यों बदला?
पिछले कुछ दिनों से, इंडिगो कई अंदरूनी समस्याओं से जूझ रही थी, जिसका उसके ऑपरेशंस पर गंभीर असर पड़ा। बड़े पैमाने पर उड़ानें रद्द हुईं, और क्रू की कमी को एक बड़ा कारण माना गया। DGCA ने माना कि मौजूदा हालात में, एयरलाइंस के लिए क्रू के लिए अलग-अलग छुट्टी और अनिवार्य साप्ताहिक आराम की अवधि को लागू करना बहुत मुश्किल हो रहा था। यही वजह है कि सैकड़ों उड़ानें रद्द करनी पड़ीं। DGCA के अनुसार, यह स्थिति सीधे तौर पर “ऑपरेशनल स्थिरता और लगातार उड़ान सेवा” को प्रभावित कर रही थी।

नए आदेश में DGCA ने क्या कहा?

अपने नए आदेश में, DGCA ने लिखा: “चल रही ऑपरेशनल रुकावटों और विभिन्न एयरलाइंस से मिली शिकायतों को देखते हुए, इस प्रावधान का रिव्यू करना ज़रूरी हो गया है। इसलिए, संबंधित पैराग्राफ में दिया गया निर्देश कि साप्ताहिक आराम के बदले कोई छुट्टी नहीं दी जा सकती - उसे तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाता है।” इसका मतलब है कि एयरलाइंस अब ज़रूरत पड़ने पर कर्मचारियों की छुट्टी को साप्ताहिक आराम की अवधि के साथ जोड़ सकती हैं। इससे क्रू मैनेजमेंट आसान होगा और अचानक स्टाफ की कमी के कारण उड़ानें रद्द होने की संभावना कम हो जाएगी।

यात्रियों पर क्या असर पड़ेगा? DGCA के इस फैसले का सीधा असर यात्रियों पर पड़ेगा। पिछले कुछ दिनों में, इंडिगो की फ्लाइट्स बड़े पैमाने पर कैंसिल होने से हजारों यात्रियों के प्लान खराब हो गए थे। कई लोग घंटों तक एयरपोर्ट पर फंसे रहे। DGCA के नए इंस्पेक्शन और ऑर्डर से उम्मीद है कि एयरलाइंस जल्द ही हालात को नॉर्मल कर पाएंगी और फ्लाइट्स टाइम पर चलेंगी।

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