प्यार में सब जायज? ग्रैजुएट लड़की ने 8वीं फेल बॉयफ्रेंड से की शादी, वायरल वीडियो में बोली- 'मेरा किडनैप नहीं हुआ'

बिहार के मुजफ्फरपुर से एक चौंकाने वाला लेकिन प्रेम से जुड़ा मामला सामने आया है जिसने एक बार फिर "प्यार अंधा होता है" वाली कहावत को सच साबित कर दिया है। यहां एक ग्रैजुएट युवती ने परिवार की मर्जी के खिलाफ जाकर एक 8वीं फेल युवक से कोर्ट मैरिज कर ली। जब लड़की के परिजनों ने थाने पहुंचकर युवक पर किडनैपिंग का आरोप लगाया, तब सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया जिसने पूरा मामला पलट कर रख दिया।
वायरल वीडियो ने बदला मामला
इस वीडियो में युवती अपने प्रेमी के साथ विवाह करते हुए नजर आ रही है। वीडियो में वह स्पष्ट रूप से कह रही है कि उसका अपहरण नहीं हुआ है, बल्कि वह अपनी इच्छा से घर छोड़कर आई है और अपनी मर्जी से ही प्रेमी से शादी की है। वीडियो में मांग में सिंदूर भरने का दृश्य दिखता है, जो विवाह की पुष्टि करता है। लड़की ने कहा कि उसने कोर्ट में शादी की है और इस फैसले पर किसी का कोई दबाव नहीं था।
"प्यार करता हूं, इसलिए शादी की"
वीडियो में युवती का कहना है, "मेरे घर वाले मेरी मर्जी के खिलाफ मेरी शादी कहीं और तय कर रहे थे। वह लड़का मुझे पसंद नहीं था। लेकिन मैं अपने बॉयफ्रेंड से प्यार करती हूं, इसलिए मैंने उसके साथ शादी कर ली।" उसने अपने पिता के उन आरोपों को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि युवक ने उसे जबरन अगवा किया है।
पुलिस-प्रशासन से सुरक्षा की मांग
वीडियो में युवती ने यह भी आरोप लगाया कि उसके परिवार वाले उसे और उसके पति को जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। उसने पुलिस और प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है। लड़की ने कहा, "मैं बालिग हूं और मेरी शादी पूरी तरह कानूनी है। मेरे पति और उनके परिवार पर जो केस किए गए हैं, वे झूठे हैं। कृपया हमें सुरक्षा दी जाए।"
सवालों के घेरे में समाजिक सोच
यह मामला सिर्फ एक प्रेम विवाह नहीं, बल्कि सामाजिक वर्ग, शिक्षा स्तर और पारिवारिक दबाव के सवालों को भी उजागर करता है। एक ग्रैजुएट युवती का 8वीं फेल युवक से शादी करना समाज में चर्चाओं का विषय बन गया है। हालांकि, लड़की ने कानूनन बालिग होने के अधिकार का प्रयोग करते हुए अपनी पसंद का जीवनसाथी चुना है, लेकिन यह मामला पारिवारिक संबंधों और सामाजिक मूल्यों के बीच टकराव की एक मिसाल बनकर उभरा है।
निष्कर्ष
मुजफ्फरपुर का यह प्रेम विवाह मामला इस बात की मिसाल है कि जब दिल किसी को चुन लेता है, तो ना जात-पात मायने रखती है, ना शिक्षा, ना ही सामाजिक दर्जा। अब यह देखना होगा कि पुलिस-प्रशासन युवती की सुरक्षा और उसके कानूनी अधिकारों की रक्षा किस तरह करता है।