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अजय आलोक का राहुल गांधी पर तंज, हार का शतक लगाने के लिए सिर्फ चार चुनाव काफी

नई दिल्ली, 6 दिसंबर (आईएएनएस)। भाजपा प्रवक्ता अजय आलोक ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर जोरदार निशाना साधा है। उन्होंने उनके नेतृत्व पर तंज कसते हुए कहा कि देश को उन पर भरोसा नहीं है। उन्होंने कहा कि हम एक एकजुट पार्टी हैं और हमारी लीडरशिप में कोई संकट नहीं है। पीएम मोदी लीड करते हैं और सभी को उन पर भरोसा है। दूसरी ओर राहुल गांधी पर किसी को भरोसा नहीं है। उनमें लीड करने की काबिलियत नहीं है।
अजय आलोक का राहुल गांधी पर तंज, हार का शतक लगाने के लिए सिर्फ चार चुनाव काफी

नई दिल्ली, 6 दिसंबर (आईएएनएस)। भाजपा प्रवक्ता अजय आलोक ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर जोरदार निशाना साधा है। उन्होंने उनके नेतृत्व पर तंज कसते हुए कहा कि देश को उन पर भरोसा नहीं है। उन्होंने कहा कि हम एक एकजुट पार्टी हैं और हमारी लीडरशिप में कोई संकट नहीं है। पीएम मोदी लीड करते हैं और सभी को उन पर भरोसा है। दूसरी ओर राहुल गांधी पर किसी को भरोसा नहीं है। उनमें लीड करने की काबिलियत नहीं है।

आईएएनएस से बातचीत में अजय आलोक ने कहा कि राहुल गांधी हार के नए-नए कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं। वे अब तक 96 चुनाव हार चुके हैं। 57 साल के इस युवराज के पास हार का शतक लगाने के लिए सिर्फ चार हार चाहिए। ऐसा करने पर उनका नाम गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हो जाएगा।

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के बयान पर भाजपा प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा कि हर कोई अपनी अहमियत बचाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन जब तक राहुल गांधी रहेंगे, किसी और की कोई अहमियत नहीं रहेगी, क्योंकि कांग्रेस पार्टी में राहुल गांधी से भागने की होड़ लग गई है। कांग्रेस नेता भी जानते हैं कि जब तक राहुल गांधी कांग्रेस पार्टी में बने रहेंगे, भला नहीं हो सकता।

अजय आलोक ने कहा कि एसआईआर देशहित में है और यह जरूरी भी है। विपक्ष विरोध करता है, तो साफ है कि वह देश के खिलाफ है।

उन्होंने उमर अब्दुल्ला को व्यावहारिक व्यक्ति बताते हुए कहा कि वे जानते हैं चुनाव कैसे लड़ना है। ठगबंधन में तो बस राहुल गांधी को पता नहीं है कि चुनाव कैसे लड़ना है। जब तक उनके नेतृत्व में विपक्षी पार्टियां चुनाव लड़ेंगी, समस्या पैदा होती रहेगी।

बंगाल में बाबरी मस्जिद की नींव रखे जाने पर भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि मस्जिद बनाने पर किसी को कोई रोक नहीं है। संविधान के अनुसार और धार्मिक गुरुओं की राय पर मंदिर-मस्जिद का निर्माण किया जा सकता है, लेकिन मस्जिद का नाम बाबरी रखने से भावना आहत होती है और किसी की भावना के साथ खेलने की आजादी किसी को नहीं मिली है। इसके परिणाम बहुत भयंकर साबित होंगे।

--आईएएनएस

डीकेएम/वीसी

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