अहमदाबाद में बीएपीएस प्रमुख वरणी अमृत महोत्सव का भव्य आयोजन, देश-विदेश से उमड़े भक्त
अहमदाबाद, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। अहमदाबाद में रविवार को बीएपीएस (बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था) के प्रमुख वरणी अमृत महोत्सव का भव्य आयोजन शुरू हुआ। यह आयोजन प्रमुख स्वामी महाराज को बीएपीएस का अध्यक्ष नियुक्त किए जाने के 75 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में मनाया जा रहा है।
महोत्सव में देश-विदेश से बड़ी संख्या में भक्त पहुंचे। अहमदाबाद की अंबली वली पोल से प्रारंभ हुआ बीएपीएस का यह सफर आज विश्व के सभी प्रमुख महाद्वीपों तक फैल चुका है। संस्था के मंदिर दुनिया भर में आध्यात्मिकता, शांति और सेवा के केंद्र के रूप में स्थापित हैं। इस आयोजन में भी कई देशों से आए श्रद्धालु उपस्थित हैं, जो प्रमुख स्वामी महाराज के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त कर रहे हैं।
बीएपीएस के एक स्वयंसेवक ने आईएएनएस से बातचीत करते हुए कहा, “अहमदाबाद के शाहपुर स्थित अंबली वली पोल में वर्ष 1950 में प्रमुख स्वामी महाराज को संस्था के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था। इस ऐतिहासिक घटना को 75 वर्ष पूरे हो रहे हैं, इसलिए प्रमुख वरणी अमृत महोत्सव का आयोजन किया गया है।”
उन्होंने कहा कि प्रमुख स्वामी महाराज ने जीवनभर सामाजिक, आध्यात्मिक और वैश्विक स्तर पर अद्वितीय सेवाएं कीं, और वर्तमान में महंत स्वामी महाराज उसी परंपरा का निर्वहन कर रहे हैं।
स्वयंसेवक ने बताया कि इस महोत्सव का मुख्य संदेश यह है कि प्रमुख स्वामी महाराज के त्याग, करुणा और निस्वार्थ सेवा से प्रेरणा लेकर सभी लोग अपने जीवन में सेवा और मानव कल्याण के मार्ग पर आगे बढ़ें। महोत्सव में संत महिमा और संतों के आदर्श गुणों का भी विशेष प्रदर्शन किया गया है। इस कार्यक्रम की तैयारियां पिछले तीन महीनों से की जा रही थीं, जिसमें 100 से अधिक संत और लगभग सात हजार स्वयंसेवक शामिल हैं।
एक भक्त ने कहा कि आज प्रमुख स्वामी महाराज को बीएपीएस संस्था के प्रमुख के रूप में नियुक्त किए जाने की 75वीं वर्षगांठ है। यहां लगी 75 झांकियां उनके जीवन के गुणों को दर्शाती हैं और चारों शास्त्रों की शिक्षाओं से प्रेरित हैं। भक्तों ने बताया कि हर झांकी प्रमुख स्वामी महाराज के तप, त्याग, संयम, सेवा और करुणा से जुड़े किसी न किसी पहलू को प्रदर्शित करती है।
बीएपीएस के पूज्य विवेकजीवन स्वामी ने कहा कि महोत्सव की थीम 'अंबली वाली पोल से अक्षरधाम' प्रमुख स्वामी महाराज की आध्यात्मिक यात्रा का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि 21 मई 1950 को अंबली वाली पोल के छोटे से स्थान पर 28 वर्ष की आयु में शास्त्रीजी महाराज ने उन्हें बीएपीएस का अध्यक्ष नियुक्त किया था। बाद में 1971 में वे संस्था के गुरु बने और दुनिया भर में आध्यात्मिकता और सेवा का संदेश फैलाया।
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