आखिर कैसे बूंदी-लड्डू बांटकर दिल्ली पुलिस ने अपराधी को किया गिरफ्तार? यहां पढ़े हैरान करने वाली है कहानी

दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा के अधिकारियों ने एक अनोखे अभियान में हत्या के दोषी एक व्यक्ति को पकड़ लिया, जो पैरोल पर जेल से बाहर आने के बाद फरार हो गया था। पुलिस ने गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान 'बूंदी-लड्डू' बांटते समय उसकी पहचान की और उसे पकड़ लिया, जिससे तीन साल से अधिक समय से चल रही उसकी तलाश समाप्त हो गई। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि कैलाश (40) ने 2008 में दिल्ली के नजफगढ़ इलाके में विवाहेतर संबंध के संदेह में अपनी पत्नी की हत्या कर दी थी और उसे 2011 में दोषी ठहराया गया था।
उन्होंने बताया कि कैलाश को पिछले मंगलवार को मध्य प्रदेश के शिवपुरी से गिरफ्तार किया गया। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (अपराध शाखा) संजय कुमार सैन ने बताया कि आजीवन कारावास की सजा काट रहे दोषी ने कोरोना महामारी के दौरान दी गई तीन महीने की पैरोल के बाद भी आत्मसमर्पण नहीं किया और वह 2021 से फरार था।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तारी से बचने के लिए वह अक्सर एक जगह से दूसरी जगह घूमता रहता था। पहले वह एक साल तक दिल्ली के लक्ष्मी नगर में रहे और फिर दो साल के लिए हरिद्वार चले गए। हाल ही में वह मध्य प्रदेश स्थित अपने पैतृक गांव लौटे थे और वहां दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम कर रहे थे।
एसीपी ने बताया कि स्थानीय मुखबिरों से उसकी गतिविधियों की पुष्टि होने के बाद अधिकारियों ने एक योजना बनाई। गणतंत्र दिवस पर टीम ग्रामीणों के साथ घुलमिल गई और संदेह से बचने के लिए गुप्त रूप से बूंदी-लड्डू बांटकर उनकी पहचान की। उसे मंगलवार को गिरफ्तार किया गया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि उसे जेल अधिकारियों को सौंप दिया गया है।