आतंकियों को शरण और मदद करने वाले तीन आरोपियों को पुलवामा पुलिस ने दिलाई सजा
श्रीनगर, 31 दिसंबर (आईएएनएस)। पुलवामा पुलिस ने आतंकियों को शरण और सहयोग प्रदान करने वाले तीन आरोपियों को कोर्ट में दोषी साबित करने में सफलता हासिल की है। गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के अंतर्गत दर्ज एक मामले में तीन आरोपियों को कोर्ट में दोषी साबित करने में सफलता हासिल की है। यह मामला एनआईए अधिनियम के तहत दर्ज किया गया था।
यह मामला एनआईए अधिनियम के तहत नामित विशेष न्यायालय, पुलवामा द्वारा पुलिस थाना पुलवामा में दर्ज एफआईआर से जुड़ा हुआ था। मामला भारतीय दंड संहिता की धारा 307, शस्त्र अधिनियम की धारा 7/27 तथा यूए(पी) अधिनियम की धारा 16, 18, 19, 20, 38 और 39 के तहत दर्ज था।
आरोपियों को प्रतिबंधित संगठन के आतंकियों को शरण और सहयोग प्रदान करने का दोषी पाया गया। मेहराज-उद-दीन मीर को यूए(पी) अधिनियम की धारा 19 और 39 के तहत दोषी ठहराया गया। उन्हें धारा 19 के तहत 3 वर्ष का साधारण कारावास और 10,000 रुपए का जुर्माना तथा धारा 39 के तहत 3 वर्ष 10 माह का कारावास सुनाया गया, जो सजाएं साथ-साथ चलेंगी।
वहीं, फिरदौस अहमद भट और इरशाद अहमद मलिक को यूए(पी) अधिनियम की धारा 39 के तहत दोषी ठहराते हुए प्रत्येक को 3 वर्ष 10 माह का कारावास दिया गया। आरोपियों द्वारा हिरासत में बिताई गई अवधि सजा में समायोजित की जाएगी।
यह दोषसिद्धि पुलवामा पुलिस की पेशेवर जांच और प्रभावी अभियोजन का परिणाम है, जो आतंकवाद और उसके समर्थन तंत्र के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई के प्रति उनकी दृढ़ प्रतिबद्धता को दोहराती है।
इससे पहले, 22 दिसंबर को संयुक्त बलों ने जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में हथियारों और गोला-बारूद के साथ एक आतंकवादी सहयोगी को गिरफ्तार किया था।
पुलिस ने बताया कि अवंतीपोरा पुलिस, सीआरपीएफ की 185वीं बटालियन और 50 राष्ट्रीय राइफल्स सहित संयुक्त बलों ने पुलवामा जिले के वुयान-ख्रेव इलाके में तलाशी और घेराबंदी अभियान चलाया और जावेद अहमद हाजम, निवासी गुलाब बाग, त्राल, नामक एक आतंकवादी सहयोगी को गिरफ्तार किया, जिसके पास से हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया।
--आईएएनएस
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