पुणे के जेजुरी मंदिर में लगी आग से मची अफरा-तफरी! जीत की ख़ुशी के बीच पसरा मातम, देखे वायरल वीडियो
महाराष्ट्र के पुणे जिले में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की स्थानीय निकाय चुनावों में जीत के बाद जश्न के दौरान आग लगने से अफरा-तफरी मच गई। इस घटना में एक नए चुने गए NCP पार्षद समेत सोलह लोग घायल हो गए। चुनाव नतीजे घोषित होने के बाद विजय जुलूस के दौरान जेजुरी मंदिर की सीढ़ियों के पास आग लगी।
महाराष्ट्र के पुणे में स्थानीय निकाय चुनाव जीत के जश्न के दौरान हादसा।जेजुरी मंदिर के पास हल्दी-कुमकुम चढ़ाने के दौरान आग भड़कने से 5 से 9 लोग घायल, जिनमें जीतने वाले कुछ नगरसेवक भी शामिल।पुलिस के मुताबिक जलते दीये या पटाखों से आग लगने की आशंका।#Pune #jejuri #LocalBodyElections pic.twitter.com/dQJqboBOvk
— Visshal Singh (@VishooSingh) December 22, 2025
आरती और पटाखों के प्रदर्शन के दौरान आग लगी
पुलिस के मुताबिक, यह घटना दोपहर में NCP उम्मीदवारों स्वरूप खोमने और मोनिका घाडगे के सम्मान समारोह के दौरान हुई। पारंपरिक पूजा के दौरान दीये, कपूर और पटाखे जलाए गए। प्रसाद (भंडारे) का एक हिस्सा जलते हुए तेल के दीये पर गिर गया, जिससे अचानक आग लग गई। पुणे (ग्रामीण) के पुलिस अधीक्षक संदीप गिल ने बताया कि मौके पर कपूर और अन्य ज्वलनशील पदार्थ होने के कारण आग तेजी से फैल गई, जिससे पास खड़े कई लोग घायल हो गए। हालांकि, आग पर जल्द ही काबू पा लिया गया।
सभी घायल स्थिर हालत में
हादसे में घायल सभी लोगों को तुरंत पास के सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती कराया गया। पुलिस के मुताबिक, सभी को मामूली जलने की चोटें आई हैं और उनकी हालत स्थिर है। घटना के बाद कोई भगदड़ नहीं मची।
सांसद सुप्रिया सुले ने चिंता जताई
इस बीच, बारामती की सांसद सुप्रिया सुले ने इस घटना को "दुर्भाग्यपूर्ण" बताया। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर मराठी में पोस्ट करते हुए उन्होंने दावा किया कि भंडारे में इस्तेमाल किया गया सामान मिलावटी हो सकता है। उन्होंने कहा कि वह स्थानीय प्रशासन के लगातार संपर्क में हैं और पूरी घटना के बारे में जानकारी जुटा रही हैं।
NCP ने जेजुरी नगर परिषद चुनावों में शानदार जीत हासिल की
खास बात यह है कि अजीत पवार के नेतृत्व वाली NCP ने जेजुरी नगर परिषद चुनावों में शानदार प्रदर्शन करते हुए 20 में से 17 सीटें जीतीं। इस जीत के साथ पार्टी ने पूर्व विधायक संजय जगताप के राजनीतिक दबदबे को खत्म कर दिया है। BJP को सिर्फ दो सीटों से संतोष करना पड़ा, जबकि एक सीट निर्दलीय उम्मीदवार को मिली।

