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प्रकाश पर्व पर पटना साहिब में उमड़ी संगत की भीड़, राज्यपाल और भाजपा विधायक ने मत्था टेका

पटना, 27 दिसंबर (आईएएनएस)। सिक्खों के दसवें गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह देव जी के प्रकाश पर्व पर पटना साहिब गुरुद्वारा में दर्शन के लिए संगत की भीड़ उमड़ती दिखी।
प्रकाश पर्व पर पटना साहिब में उमड़ी संगत की भीड़, राज्यपाल और भाजपा विधायक ने मत्था टेका

पटना, 27 दिसंबर (आईएएनएस)। सिक्खों के दसवें गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह देव जी के प्रकाश पर्व पर पटना साहिब गुरुद्वारा में दर्शन के लिए संगत की भीड़ उमड़ती दिखी।

भाजपा विधायक रत्नेश कुमार कुशवाहा और राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान भी पटना साहिब में मत्था टेकने पहुंचे और गुरु गोबिंद सिंह के त्याग और आदर्शों को याद किया।

बता दें कि गुरु गोबिंद सिंह देव जी का जन्मस्थान पटना है, जिसकी वजह से संगत की भीड़ गुरुद्वारों में देखी जा रही है।

मीडिया से बात करते हुए राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि मैं सभी श्रद्धालुओं को अपनी श्रद्धा अर्पित करता हूं और पूरे देश को शुभकामनाएं देता हूं। यह अवसर हमें याद दिलाता है कि भारत महान गुरुओं के आदर्शों से प्रेरित है। उन्होंने गोबिंद सिंह देव को त्याग और सेवा का प्रतीक बताया और पूरे देश से अपील की कि सभी इन आदर्शों का ोपालन करें।

वहीं पटना साहिब के भाजपा विधायक रत्नेश कुमार कुशवाहा ने कहा, "मैं 359वें गुरु पर्व के सभी देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। पटना साहिब का विधायक होना मेरे लिए सौभाग्य की बात है और आज पटना साहिब गुरुद्वारे में देश भर से आए श्रद्धालुओं का स्वागत किया जाएगा। मैं भी सभी का स्वागत करने के लिए यहां उपस्थित हूं।" उन्होंने आगे कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री समेत कई बड़े लोग मत्था टेकने के लिए आने वाले हैं और उसको लेकर पूरी तैयारी कर ली गई है।

पटना साहिब गुरुद्वारा की महिला संगत ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि आज हमारे दसवें गुरु, गुरु गोविंद सिंह की जयंती है। हर साल हम इस अवसर को मनाने के लिए रांची से पटना साहिब जरूर आते हैं। पूरे समुदाय के साथ गुरु पर्व मनाने के लिए यहां आना हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है, और हम साल भर इस दिन का बेसब्री से इंतजार करते हैं क्योंकि पटना की इसी जमीन पर हमारे गुरु का जन्म हुआ था।

एक अन्य श्रद्धालु ने कहा, "गुरु गोविंद सिंह जी द्वारा किए गए बलिदान केवल अपने लोगों या अपने धर्म के लिए ही नहीं, बल्कि सभी समुदायों के कल्याण के लिए थे।''

--आईएएनएस

पीएस/डीएससी

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