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महाराष्ट्र सरकार ने केंद्र से मांगी तात्कालिक एनडीआरएफ सहायता, जून-सितंबर 2025 की बाढ़ को बताया बड़ी तबाही

मुंबई, 4 दिसंबर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र सरकार ने जून से सितंबर 2025 के बीच आई बाढ़ से हुई भारी तबाही को लेकर गृह मंत्रालय को विस्तृत ज्ञापन सौंपा है। राज्य ने स्पष्ट कहा है कि इस प्राकृतिक आपदा ने मराठवाड़ा, कोकण, विदर्भ और पश्चिमी महाराष्ट्र में ऐसा विनाश मचाया है, जिसकी भरपाई राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) से संभव नहीं है।
महाराष्ट्र सरकार ने केंद्र से मांगी तात्कालिक एनडीआरएफ सहायता, जून-सितंबर 2025 की बाढ़ को बताया बड़ी तबाही

मुंबई, 4 दिसंबर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र सरकार ने जून से सितंबर 2025 के बीच आई बाढ़ से हुई भारी तबाही को लेकर गृह मंत्रालय को विस्तृत ज्ञापन सौंपा है। राज्य ने स्पष्ट कहा है कि इस प्राकृतिक आपदा ने मराठवाड़ा, कोकण, विदर्भ और पश्चिमी महाराष्ट्र में ऐसा विनाश मचाया है, जिसकी भरपाई राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) से संभव नहीं है।

सरकार ने राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (एनडीआरएफ) से तत्काल वित्तीय सहायता की मांग की है ताकि राहत, पुनर्वास और आवश्यक सार्वजनिक ढांचे की बहाली में तेजी लाई जा सके।

राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा, "राज्य ने सभी प्रभावित परिवारों, किसानों और सार्वजनिक संपत्तियों के नुकसान का पूरा आकलन कर केंद्र को ज्ञापन भेज दिया है। हम उम्मीद करते हैं कि केंद्र सरकार जल्द से जल्द एनडीआरएफ की सहायता स्वीकृत करेगी, ताकि लोगों के जीवन को पटरी पर लाया जा सके।"

सरकार द्वारा भेजे गए ज्ञापन के अनुसार, जून-सितंबर 2025 के बीच महाराष्ट्र में लगातार, अनियमित और बादल फटने जैसे हालात वाली बारिश के दौर ने अचानक आई बाढ़, नदी तटबंध टूटने, लंबे समय तक पानी भराव और जलभराव जैसी स्थितियां पैदा कर दीं।

इनसे कृषि, पशुधन, मकान, सड़कें और पुल, बिजली आपूर्ति, पेयजल व स्वच्छता ढांचा, सामुदायिक व सार्वजनिक संस्थान सभी बुरी तरह प्रभावित हुए।

बाढ़ और पानी भराव से जान-माल का भारी नुकसान हुआ, हजारों लोग विस्थापित हुए और कई जिलों में जरूरी सेवाएं हफ्तों ठप रहीं।

केंद्र सरकार के निर्देश पर अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीम (आईएमसीटी) ने 3 से 5 नवंबर 2025 के बीच प्रभावित जिलों का दौरा किया। राज्य सरकार ने इस दौरे के दौरान पूरी सुविधा और सहयोग प्रदान किया।

मुख्य सचिव की समीक्षा के बाद सभी विभागों ने जिला-स्तरीय आंकड़ों का गहन सत्यापन किया ताकि केंद्र को भेजा गया डेटा पूरी तरह सटीक, पूर्ण और भारत सरकार के मानकों के अनुरूप हो।

प्रमुख सचिव (राहत एवं पुनर्वास) विनीता वैद सिंघल ने अपने पत्र में कहा कि ज्ञापन में सभी विभागों के सत्यापित आंकड़ों के आधार पर राहत, पुनर्वास और पुनर्निर्माण की आवश्यकताओं को शामिल किया गया है।

राज्य ने गृह मंत्रालय से अनुरोध किया है कि ज्ञापन को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए तत्काल प्रक्रिया में लाया जाए। सरकार का कहना है कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत पहुंचाना और सार्वजनिक ढांचे की मरम्मत अत्यंत जरूरी है।

महाराष्ट्र सरकार ने आशा जताई है कि केंद्र स्थापित नियमों के अनुसार जल्द से जल्द एनडीआरएफ सहायता स्वीकृत करेगा ताकि प्रभावित जिलों में सामान्य स्थिति बहाल की जा सके।

सरकार ने आईएमसीटी के मूल्यांकन और सभी विभागों के सहयोग के लिए आभार भी व्यक्त किया।

महाराष्ट्र सरकार ने स्पष्ट कहा है कि वह बाढ़ से तबाह हुए लोगों के जीवन को फिर से संवारने के लिए प्रतिबद्ध है और हर संभव कदम उठा रही है।

--आईएएनएस

वीकेयू/एएस

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